उत्तराखंड में 1 जून तक कोरोना कर्फ्यू बढाए जाने के बाद अब सार्वजनिक परिवहन को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके तहत सभी वाहन स्वामियों/ वाहन चालकों एवं यात्रियों द्वारा उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा अन्तर्राज्यीय व अन्तर्जनपदीय आवागमन हेतु निर्गत किए गए मानक प्रचालन दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य के अंदर व अन्तर्राज्यीय मार्गों पर निर्धारित सीटिंग क्षमता के 50% यात्रियों को ले जाने की ही अनुमति होगी साथ ही वाहन संचालकों द्वारा यात्रियों से राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित दर पर ही किराया लिया जाएगा।
प्रत्येक यात्रा आरंभ करने से पूर्व एवं यात्रा समाप्ति पर वाहन का सैनिटाइजेशन किया जाएगा, जिसके अंतर्गत वाहन के प्रवेश द्वार, हैण्डिल, रेलिंग, स्टेयरिंग गियर लीवर, सीटों आदि का भली प्रकार सैनिटाइजेशन सम्मिलित है।
वाहन के चालक, परिचालक द्वारा फेस मास्क, ग्लब्स का उपयोग किया जाएगा।
वाहन में बैठने वाले यात्री का थर्मल स्कैनिंग के साथ ही सेनेटाइज़ किया जाये।
वाहन चालक, परिचालक और यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर उपयोग करना अनिवार्य है।
यात्रा करते समय मास्क का उपयोग आवश्यक है। जबकि पान, गुटखा, तंबाकू और शराब का सेवन प्रतिबंधित है।वाहन से थूकना दंडनीय अपराध होगा।
बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी व्यक्तियों बस, टैक्सी ड्राइवर, कन्डक्टर व हैल्पर को अधिकतम 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाने के बाद ही राज्य में प्रवेश की अनुमति होगी।
राज्य के निवासी जो गढ़वाल से कुमाऊँ की यात्रा यूपी बार्डर होते हुए करेंगे उन्हें कोविड-19 के जांच की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी, परन्तु उन यात्रियों को राज्य सरकार के दून स्मार्ट सिटी पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
जनपद देहरादून हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर के मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ जाने वाले यात्रियों को कोरोना जांच की आरटीपीसीआर या रैपिड निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। जिला प्रशासन द्वारा बार्डर चैक पोस्ट पर इनका कडाई से अनुपालन कराया जाएगा।