दिल्ली: जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्केल दो दिवसीय भारत यात्रा पर आई हैं। एंजिला मर्केल सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, जहां पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। वह पांचवीं बार इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन बैठक के लिए नई दिल्ली आई हुई हैं। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच 20 समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।
वह आज सुबह महात्मा गांधी की समाधि पर राजघाट पहुंची और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जर्मन चांसलर मर्केल का कल नई दिल्ली में पालम एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि भारत और जर्मनी के संबंधों को नई ऊंचाई देने के लिए जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल अपनी भारत यात्रा की शुरुआत कर रही हैं। इस दौरान वह पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करेंगी।
आज राष्ट्रपति भवन में औपचारिक कार्यक्रम में दोनों देशों के राष्ट्रगान के दौरान बैठी रह सकेंगी। मर्केल की बीमारी को देखते हुए जर्मनी ने इसके लिए विशेष अनुरोध किया था, जिसे भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया है। मर्केल को अनुमति देने के लिए राष्ट्र गान से जुड़े आदेश के कुछ खास प्रावधानों को लागू किया जाएगा।
दरअसल, राष्ट्रगान के प्रति सम्मान व्यक्त करना हर भारतीय का कर्तव्य है। राष्ट्रीय सम्मान का अपमान रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 3 के तहत राष्ट्रगान को चलाए जाने से रोकने या राष्ट्रगान के दौरान जानबूझ कर व्यवधान पैदा करने पर तीन साल कैद या जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
संविधान के अनुच्छेद 51-ए(ए) में कहा गया है कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह ‘संविधान का पालन करे और उसके आदर्शो व संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करे।’ लेकिन इन किसी भी प्रावधानों में सम्मान व्यक्त करने के उचित तरीके को वर्णित नहीं किया गया है। साथ ही राष्ट्रगान के दौरान बैठे रहने या खड़ा होने के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया है।