उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, रोजाना सामने आने वाले मामलों की संख्या अब 1 हजार व इससे कम भी होने लगी है। हालांकि अभी भी मैदान व पहाड़ी जनपदों में संक्रमण दर में काफी अंतर देखा जा रहा है। राज्य में 10 मई से कोविड कर्फ्यू लागू किया गया था, जिसे चरणबद्ध तरीके से हफ्ते दर हफ्ते आगे बढ़ाया गया। 24 मई से 30 मई के बीच प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद कुछ रियायतों के साथ कोविड कर्फ्यू 8 जून तक बढ़ाया गया है।
अब मैदानी जिलों में संक्रमण दर में कमी आई है, 8 जून के बाद इन जनपदों में कोविड कर्फ्यू में रियायत मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर के साथ बागेश्वर व चंपावत जनपदों में कोविड कर्फ्यू में रियायत मिल सकती है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी इस बात को कह चुके हैं कि कम संक्रमण वाले जनपदों में कर्फ्यू में छूट दी जाएगी।.
अब तक देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर कोरोना की सबसे अधिक मार झेल रहे थे, लेकिन हाल के दिनों में यहां संक्रमण दर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई और रिकवरी रेट तेजी से बढ़ा है। हरिद्वार की संक्रमण दर 2.91 प्रतिशत रही है, जबकि चार जनपदों में संक्रमण दर अब भी 10 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, ऐसे में इन जनपदों में कुछ और समय तक कोविड कर्फ्यू जारी रह सकता है।
वर्तमान में राज्य में मैदान की अपेक्षा पर्वतीय जनपदों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। 4 सबसे तेज संक्रमण रेट वाले जिले पहाड़ी ही हैं। मैदानी जिलों में अब कोरोना अधिक घातक साबित नहीं हो रहा है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 24 से 30 मई के बीच संक्रमण दर हरिद्वार में 2.91%, बागेश्वर में 3.99%, चंपावत में 4.78%, ऊधमसिंहनगर में 5.13% और देहरादून में 5.35% रही। इसके अवाला उत्तरकाशी में संक्रमण दर 5.83%, रूद्रप्रयाग में 8.36%, टिहरी में 8.58%, नैनीताल में 8.75% रही। अन्य जिलों में यह संक्रमण दर पौड़ी में 10.54%, अल्मोड़ा में 10.33%, पिथौरागढ में 10.26%, चमोली में 10.19% है।
कोरोना से रिकवरी मामले में देहरादून अब 93.9 % के साथ सबसे आगे है। 93.2% के साथ नैनीताल दूसरे नंबर पर है, वहीं पिथौरागढ़ और चमोली रिकवरी के मामले में संयुक्त रूप से सबसे निचले पायदान पर हैं।