देहरादून: जनसंघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमण्डल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात कर आयुष पद्धति के अन्तर्गत चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों की फीस वृद्धि मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधिमण्डल को कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से सम्बद्ध राज्यभर के आयुष पद्धति के अन्तर्गत संचालित निजी क्षेत्र के असहायतित चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों द्वारा की गयी शुल्क वृद्धि के मामले में उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा अपने आदेश 9 जुलाई .2018 व 9 अक्टूबर 2018 के द्वारा शुल्क वृ़िद्ध पर रोक लगाई गयी थी तथा अपने आदेश में माननीय न्यायालय द्वारा स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि जिन संस्थानों द्वारा बढ़ी हुई फीस ली गई है वो तत्काल छात्रों को वापस करें। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि न्यायालय के निर्देशों के क्रम में शासन द्वारा 2 नवंबर 2018, 22 नवंबर .2018, 22 मार्च 2019 व 23 अप्रैल .2019 के द्वारा कुलपति/कुलसचिव, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन छः माह से अधिक समय बीतने के उपरान्त भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही छात्रों से वसूली गयी अतिरिक्त फीस वापस करायी गई। उल्लेखनीय है कि पूर्व में बीएएमएस हेतु 80,000/- के स्थान पर 2.15 लाख रूपये प्रतिवर्ष एवं बीएचएमएस हेतु 73,600/- के स्थान पर 1.10 लाख रूपये के हिसाब से फीस बढ़ा दी गयी थी। प्रतिनिधिमण्डल में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, मौ. असद, प्रवीण शर्मा पिन्नी आदि शामिल रहे।