रविवार को महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी की ओर से गूगल मीट के माध्यम से जनपदों के साथ निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकों के वितरण की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की गयी। इस मौके पर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने स्पष्ट कहा कि छात्रों को निशुल्क पुस्तके जब तक नहीं मिलती, तब तक वे स्वयं के साथ ही इस प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेतन रोक कर रखेंगे। ऐसे में गम्भीरता के साथ ये काम किया जाए। इस मौके पर प्रमुख बिन्दुओं पर कार्यवाही हेतु निर्देश दिए गए।
प्रारम्भिक स्तर पर कक्षा 1 से 8 तक की लगभग शत प्रतिशत किताबें वितरित की जा चुकी हैं, लेकिन कुछ जनपदों में छात्र संख्या वृद्धि के कारण निःशुल्क पाठ्य पुस्तको की अतिरिक्त मांग की जा रही है। इस क्रम में जनपदों को निर्देश दिये गये है कि सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों से समीक्षा कर जिस जनपद में अतिरिक्त पाठय पुस्तक शेष है वे मण्डल स्तर से अवशेष पाठय पुस्तकों का समायोजन कर पाठ्य पुस्तके उपलब्ध करा लें। किताबों की आवश्यकता हो तो वे सीधे फर्म को अपनी मांग प्रेषित करें।
इसके साथ ही जनपदों में कक्षा से 12 तक की लगभग 95 प्रतिशत पुस्तकें विद्यालयों को वितरित की जा चुकी है। जनपद हरिद्वार एव पौड़ी के द्वारा अवगत कराया गया कि राजकीय विद्यालयों के साथ अशासकीय विद्यालयों हेतु त्रुटिवश मांग प्रेषित किये जाने के कारण जनपदों को पाठ्य पुस्तकें अधिक प्राप्त होने के कारण किताबें अवशेष बची हैं। इस क्रम में मण्डलों को निर्देशित किया गया है पाठ्य पुस्तकों को जिन जनपदों से अतिरिक्त मांग की जा रही है, उन जनपदों से समन्वयन स्थापित कर अतिरिक्त किताबों को सम्बन्धित जनपदों से 01 सप्ताह के अन्तर्गत प्राप्त कर लें।
जिन विद्यालयों के छात्र छात्राओं को अद्यतन निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें प्राप्त नहीं हुयी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि एक सप्ताह के अन्तर्गत समस्त अध्ययनरत छात्र छात्राओं को घर-घर वितरण सुनिश्चित करते हुए हुये पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दें। प्रायः माह सितम्बर तक छात्र छात्रायें विद्यालयों में प्रवेश लेते रहते हैं और यह एक सतत प्रक्रिया है, जिस कारण छात्र संख्या में परिवर्तन हो सकता है। ऐसे में अतिरिक्त पाठय पुस्तकों को मुद्रित कराये जाने की मांग प्राप्त हो सकती है। अतः इसका आंकलन- मांग तैयार कर प्रेषित करेंगे। छात्र छात्राओं को पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराया जाना शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अवयव है, जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं है।
समस्त बच्चों को अद्यतन पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध न कराया जाना एक अत्यंत खेद का विषय है ऐसी स्थिति में यह निर्णय लिया गया कि महानिदेशक एवं उनके अधीनस्थ समस्त अधिकारी -कार्मिक (शैक्षिक संवर्ग को छोड़कर) जो कि निःशुल्क पाठ्य पुस्तक प्रक्रिया में सम्मिलित हैं उनका वेतन रोक दिया जाये। जब इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाये कि सभी छात्र छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दी गयी हैं तत्पश्चात ही भली- भांति संतुष्ट होने के पश्चात वेतन आहरण किया जाये।
इस मौके पर जनपद द्वारा अवगत कराया गया है कि कक्षा 11 में छात्र छात्राएं प्रवेश ले रही हैं क्योंकि कक्षा 10 का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुआ है, जिस कारण छात्र -छात्राएं यह सुनिश्चित नहीं कर पा रहे है कि वह विज्ञान वर्ग, कला वर्ग एवं वाणिज्य वर्ग में से किस वर्ग में प्रवेश लेंगे इसलिए कक्षा 11 के समस्त छात्र -छात्राओं के।लिए पाठ्य -पुस्तकों वितरण नहीं किया गया है।