उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम विधेयक को राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने अधिनियम को असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए निरस्त करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है।
स्वामी ने कहा कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में साफ कहा है कि सरकार मंदिर का प्रबंधन हाथ में नहीं ले सकती। वित्तीय गड़बड़ी होने पर सरकार अल्पकालिक प्रबंधन ले सकती है, मगर सुधार के बाद सरकार को प्रबंधन सौंपना होगा। उन्होंने साफ कहा कि मंदिर का संचालन सरकार का काम नहीं बल्कि भक्त व हक हकूकधारियों का है। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष आज इस पर सुनवाई होगी।
सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड सरकार के चार धामों पर आधिपत्य जमाने का निर्णय गलत है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत कोई भी पॉवर सरकार सदैव के लिए अपने पास नहीं रख सकती है। यदि विवाद की कोई स्थिति हो तो उसका निस्तारण प्रबंधन बोर्ड के माध्यम से होना चाहिए।