महाराष्ट्र में सियासी रस्साकस्सी के बीच भाजपा ने बाजी मारते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस ने आज सुबह राजभवन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एनसीपी के अजित पवार को भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया। राज्यपाल ने फडणवीस सरकार को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने फडणवीस और पवार को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार जी को बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।
भाजपा को मिली थीं सबसे ज्यादा सीटें
मालूम हो कि पिछला विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में दो गठबंधनों के बीच हुआ था। एक गठबंधन के मुख्य दल भाजपा और शिवसेना थे तो दूसरे गठबंधन के मुख्य दल कांग्रेस-एनसीपी, जिसमें भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं थी।
चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना द्वारा ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करने के कारण भाजपा के साथ उसका गठबंधन टूट गया। शिवसेना नेता चुनाव के पहले से ही यह दावा करते रहे हैं कि वह महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाकर शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के सपनों को पूरा करेंगे। हालांकि, इसे लेकर शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार बनाना चाहा लेकिन भाजपा ने एक बड़ा उलटफेर करते हुए महाराष्ट्र में NCP प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को लेकर सरकार बना ली है।
महाराष्ट्र को चाहिए एक स्थिर सरकार
दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने परिणाम आने के बाद दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की। जिसकी वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत है न कि खिचड़ी सरकार की।’