दरअसल ये बात इसलिए कही जा रहा है क्योंकि टिहरी के नैनबाग में शादी समारोह में एक अनुसूचित जाति कायुवक पहुंचा तो था खुशी में शरीक होने…लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी जिन्दगी की वो आखिरी रात हो जाएगी ।
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के टिहरी में बीते 26 अप्रैल को नैनबाग तहसील के अंतर्गत ग्राम श्रीकोट निवासी प्रदीप पुत्र कालिया दास की शादी थी। रात के समयशादी की पार्टी के दौरान क्षेत्र के ऊंची जाति के कुछ लोग खाना खा रहे थे, इतने में ग्राम बसाणगांव पोस्ट श्रीकोट पट्टी इडवाल्सयु टिहरी गढ़वाल निवासी जितेंद्र 23 पुत्र स्व0सेवक दास उन लोगों के सामने कुर्सी लगाकर खाना खाने लगा जो उन लोगों को ग्वारा न हुआ।
उन लोगों ने उस जाति विशेष के युवक की कुर्सी पर लात मारीजिससे जितेंद्र नीचे गिर गया और उसकी हाथ से खाने की थाली उछल कर बाकी लोगों पर गिर गई। जिससे बाकी लोगों ने भी जितेंद्र को जमकर पीटा और पीटते हुएशादी समारोह से दूर ले जाकर उसके साथ और मार पिटाई की। जिससे वह युवक गंभीर रूप सेघायल हो गया।
जितेंद्र दास घायल अवस्था में अपने घर पहुंचा और किसी सेकुछ न कह कर वो सो गया। अगले दिन सुबह को जब उसकी हालत बिगड़ी और वो बेहोश हो गयातो परिजन उसे नैनबाग स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया और गंभीर स्थिति कोदेखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया जहां उसकी मौत हो गई।
ये वाक्या झकझोर कर रख देने वाला है । जातियों से ऊंचे होनेका दिखावा कर रहे हम और आप आखिर सोच से कितने नीचे हैं ये महज उसकी बानगी भर है ।ये घटना साबित करती है कि भले ही वक्त के कलेंडर पर हम 21वीं सदी में पहुंच गए हों लेकिन हकीकत में हम अब भी उस आदिम युग में ही जी रहे हैं । बहरहाल अब इस वारदात के बाद जिम्म़ेदारों को जागना होगा और जाति के नाम पर हैवानियत फैलाने वालों को सख्त सजा देनी होगी ताकि इस तरह की सोच रखने वाले वहशी किसी की जिन्दगी में अंधेरा न लासकें।