उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को स्मार्ट सिटी और पर्यटन के लिए विकसित करने के लिए प्रशासन स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं.प्रशासन द्वारा उन स्थानों का निरीक्षण किया गया जिसमें कई स्थानों को चयनित कर उन पर निवेश की बात प्रशासन की ओर से कही गई. दिल्ली व अन्य जगह से आए पर्यटकों को ध्यान में रख सुविधा को विकसित किया जा रहा है. उत्तराखंड पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने देहरादून के प्रमुख पर्यटक स्थल रोवर्स केव और गुछुपानी का भ्रमण और निरीक्षण किया.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने आजतक से बात कर पर्यटन के क्षेत्र में बात करते हुए अपनी तमाम योजनाओं के बारे में बताया. उनका मानना है कि अगर हम पर्यटक स्थल को और विकसित करेंगे तो देहरादून से दिल्ली तक न केवल इसका नाम होगा बल्कि तमाम पर्यटन इस ओर खिंचे चले आएंगे. जिससे स्थानीय लोगों के रोजगार में बढ़ोतरी होगी और पर्यटक उत्तराखंड के नए परिदृश्य को देख पाएंगे और समझ पाएंगे.
3 करोड़ होंगे खर्च
गुछुपानी को 3 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किया जाएगा. राजधानी देहरादून के घुछुपानी में काफी संख्या में पर्यटकों और स्थानीय लोगो का तांता लगा रहता है. खास तौर पर गर्मियों में यहां आने वाले लोगों की तादाद काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इस कारण प्रशासन द्वारा इस पर विशेष फोकस किया जा रहा है.
ट्रैफिक से मिलेगी निजात
परियोजना के अंतर्गत पार्किंग निर्माण, बाढ़ प्रतिरोधक कार्य, सौंदर्यीकरण संबंधी कार्य तथा लाइट आदि की व्यवस्था के कार्य किए जाएंगे. सचिव पर्यटन ने बताया कि इस स्थान में पर्यटकों की निरंतर बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए भविष्य में किसी प्रकार की ट्रैफिक समस्या से बचने के लिए पार्किंग का निर्माण किया जाएगा.
बाढ़ के डर से बनेंगे द्वीप
दिलीप जावलकर ने बरसात के दौरान आने वाली बाड़ के प्रति भी सोचकर अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने को लेकर कहा कि बरसात के मौसम में अचानक आने वाली बाढ़ से पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिगत बाढ़ प्रतिरोधक कार्य किए जाएंगे. इस स्थान को और अधिक सौंदर्य पूर्ण बनाने के उद्देश्य से नदी के किनारे के द्वीपों को जहाजों का आकार देकर सुसज्जित किया जाएगा.
सेल्फी के क्रेज को भी रखा गया है ध्यान में
पर्यटन सचिव जवालकर ने कहा कि हाल के दिनों में पर्यटक के बीच बढ़ रही सेल्फी खिंचवाने की वृत्ति को ध्यान में रखते हुए ‘स्टेच्यू ऑफ पायरेट’ के निर्माण पर भी विचार किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में अधिकाधिक प्रकाश की व्यवस्था हेतु लाइटनिंग इक्विपमेंट्स का सहारा लिया जाएगा ताकि पर्यटक शाम को और अधिक देर तक यहां के सौंदर्य का आनंद ले सकें.
प्रशासन की ओर से इस तरह की पहल को स्मार्ट सिटी के तहत भी देखा जा रहा है क्योंकि राजधानी देहरादून को स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में रखा गया है और इस पर सरकार ने कई काम शुरू भी कर दिए गए हैं.