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देहरादून में पहेली बार खुलेगा सरकारी पैरामेडिकल कॉलेज…

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पैरामेडिकल क्षेत्र में भविष्य बनाने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर है। सरकार इस साल से दून मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल कोर्स भी शुरू करने जा रही है। इस कॉलेज में शुरू हो रहे नए पैरामेडिकल कॉलेज में टेक्नीशियन के तीन अलग-अलग ट्रेड चलेंगे, जिनमें 90 सीटें होंगी। एचएनबी चिकित्सा विवि इसके लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा और चयनित युवाओं को पैरामेडिकल कॉलेज से कोर्स करने का मौका मिलेगा। राज्य सरकार ने पिछले साल ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पैरामेडिकल कोर्स चलाने के लिए अलग से नए कॉलेज की स्थापना का निर्णय लिया था। पिछले साल कोर्स शुरू नहीं हो पाया था, मगर इस बार कॉलेज प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।

नए भवन समेत तमाम सुविधाएं जुटाएंगे : डॉ. सयाना
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कॉलेज को एमबीबीएस चौथे साल की मंजूरी के बाद अब पैरामेडिकल कॉलेज शुरू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, दून अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए पैरामेडिकल कॉलेज की जरूरत महसूस हो रही है। इसलिए इस साल से तीन ट्रेड शुरू किए जा रहे हैं। इस साल कॉलेज शुरू करने के साथ ही सरकार से नए भवन समेत तमाम सुविधाओं की भी मांग की जा रही है।

उत्तराखंड में नहीं है एक भी सरकारी पैरामेडिकल कॉलेज 
राज्य में इस समय एक भी सरकारी पैरामेडिकल कॉलेज नहीं है। जबकि सरकारी अस्पतालों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी पैरामेडिकल स्टाफ की अच्छी खासी डिमांड है। इसे देखते हुए युवा प्राइवेट कॉलेजों से कोर्स करने को मजबूर हैं। प्राइवेट कॉलेज एक सेमेस्टर की फीस 80 हजार से एक लाख रुपये तक वसूल रहे हैं। जबकि, सरकारी कॉलेज की फीस अभी निर्धारित नहीं है। इस बारे में एचएनबी चिकित्सा विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि सरकारी फीस प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में काफी कम रहने की उम्मीद है।

श्रीनगर और हल्द्वानी में भी प्रस्तावित हैं नए कॉलेज 
सरकार ने देहरादून के साथ ही श्रीनगर और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों में भी पैरामेडिकल कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया था। लेकिन, दोनों ही कॉलेज प्रबंधन सुविधाएं नहीं होने की वजह से नया कॉलेज खोलने के लिए राजी नहीं हैं। इससे सीधे तौर पर पहाड़ के युवाओं का नुकसान हो रहा है।

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