देहरादून : अब शहर की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा दौड़ते हुए नहीं मिलेंगे। लंबी मशक्कत और दो साल की मुसीबत झेलने के बाद सरकार ने इनके रूट नोटिफाई कर दिए हैं। शहर के बीच से गुजर रहे किसी भी मुख्य मार्ग पर ई-रिक्शा का संचालन नहीं होगा। अब ये सिर्फ गली या संपर्क मार्गों पर ही चल सकेंगे। सरकार ने आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, पुलिस, परिवहन विभाग और नगर निगम को संयुक्त रूप से सौंपी है। यही नहीं शहर के सभी मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के बोर्ड लगाने के आदेश भी जारी किए गए हैं। नो-एंट्री का समय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक रहेगा और सात मार्गों पर यह प्रभावी होगी।
दो साल पहले तक शहर में आमजन की परिवहन सुविधा व शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए चलाए गए ई-रिक्शा आज शहर के लिए ‘नासूर’ बन गए हैं। हर मुख्य मार्ग, प्रमुख चौराहों-तिराहों पर इनका झुंड नजर आता है और ये न केवल ट्रैफिक जाम बल्कि आमजन के लिए बड़ी परेशानी भी बन चुके हैं। परिवहन विभाग के रिकार्ड के तहत वर्तमान में दून में 2478 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। विक्रम-ऑटो के बाद शहर में यातायात जाम के सबसे बड़े कारण बन रहे ई-रिक्शा पर परिवहन विभाग नकेल डालने में हर मोर्चे पर विफल रहा।
केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में ई-रिक्शा फ्री-पॉलिसी के तहत पंजीकृत हो रहे, ऐसे में आरटीओ में धड़ल्ले से इनका पंजीकरण हो रहा। इनका आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा। विभाग की मानें तो हर दिन दो से तीन ई-रिक्शा शहरी क्षेत्र में पंजीकृत हो रहे। पिछले साल इनके विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल कर दी थी। तब सरकार और परिवहन विभाग ने इनका रूट तय करने का फैसला लिया था लेकिन अब तक उसका अनुपालन नहीं हुआ। यही नहीं, हालात ये हैं कि पंजीकृत ई-रिक्शा के साथ बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी शहर में बेधड़क झुंड बनाकर दौड़ रहे। राजमार्ग, मुख्य सड़कों तक इनका संचालन हो रहा जबकि एमवी एक्ट में तय है कि ये राजमार्ग पर नहीं चल सकते।
बेधड़क रौंद रहे यातायात नियम
शहर का दिल कहलाने वाले घंटाघर से लेकर लालपुल तिराहे या राजपुर रोड तक, सुबह छह से रात के दस बजे तक कमोबेश एक ही नजारा है। यहां ई-रिक्शा की कतारें एक नहीं बल्कि पांच-पांच होती हैं। हालात ये हैं कि ओवरटेक करने और कहीं पर भी घूम जाने में इन ई-रिक्शा चालकों का कोई सानी नहीं। मजबूरन सड़कों और चौराहे पर यातायात पूरे दिन रेंगता रहता है।
दैनिक जागरण के फोरम से निकला था प्रतिबंध का फरमान
एक साल पहले दैनिक जागरण के ‘माई सिटी माई प्राइड’ फोरम पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान व परिवहन विभाग को निर्देश दिए थे कि ई-रिक्शा मुख्य मार्गों पर प्रतिबंधित किए जाएं। इनका संचालन संपर्क मार्गों या उन मार्गों पर कराने को कहा गया जहां बस या ऑटो सेवा नहीं है। पुलिस ने ई-रिक्शा के प्रतिबंध का प्रस्ताव तैयार किया। जिला प्रशासन, पुलिस, परिवहन विभाग और नगर निगम ने इस पर संयुक्त मंथन किया व अंत में एसएसपी की ओर से इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई। दरअसल, जागरण के फोरम पर दूनवासियों ने शहरी विकास मंत्री के समक्ष ट्रैफिक में बाधा बन रहे ई-रिक्शा को लेकर पीड़ा बयां की थी।
मनमाना किराया वसूल रहे ई-रिक्शा
ऑटो की तर्ज पर ई-रिक्शा चालकों द्वारा मनमाना किराया लेने की शिकायतें विभाग को मिली हैं। आरटीओ ने बताया कि सभी रूटों पर ई-रिक्शा का किराया दस रुपये से अधिकतम बीस रुपये तक तय है। चालक यदि ज्यादा किराया वसूल रहे हैं तो प्रवर्तन टीमें ई-रिक्शा को सीज करने की कार्रवाई करेंगी।
इन चौराहों पर लगता है झुंड
पटेलनगर लालपुल, आइएसबीटी तिराहा, निरंजनपुर मंडी तिराहा, कारगी चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, घंटाघर, बल्लीवाला व बल्लूपुर चौक, प्रेमनगर, शिमला बाइपास तिराहा, दून अस्पताल तिराहा, जोगीवाला चौक, धर्मपुर, बिंदाल तिराहा, दर्शनलाल चौक, रिस्पना पुल, सर्वे चौक, सहारनपुर चौक, पथरीबाग चौक आदि।
यहां से नहीं चलेंगे ई-रिक्शा
सरकार ने घंटाघर, आइएसबीटी, रेलवे स्टेशन और परेड ग्राउंड से ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार के अनुसार सुबह आठ से रात आठ बजे तक उपरोक्त चार केंद्रों से ई-रिक्शा का संचालन बंद रहेगा।
इन रूटों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री
-घंटाघर से प्रेमनगर वाया चकराता रोड, किशनगर, बल्लूपुर चौक।
-घंटाघर से आइएसबीटी वाया प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, सहारनपुर चौक, पटेलनगर लालपुल, माजरा।
-घंटाघर से जोगीवाला तक वाया आराघर, धर्मपुर और रिस्पना पुल।
-घंटाघर से जाखन तक वाया राजपुर रोड, दिलाराम बाजार।
-घंटाघर से लाडपुर तक वाया परेड ग्राउंड, सर्वे चौक, सहस्रधारा क्रॉसिंग।
-रिस्पना पुल से आइएसबीटी वाया कारगी चौक।
-शिमला बाइपास से बड़ोवाला पुल तक वाया मेहूंवाला, तेलपुर चौक।