
देहरादून:व्यापारियों ने पॉलीथिन के पैकेजिंग मैटीरियल को निगम द्वारा जब्त करने का विरोध कर अफसरों व कर्मचारियों को नगर निगम गाड़ी में बंधक बनाकर हंगामा किया।दून शहर में प्रतिबंधित पॉलीथिन के विरुद्ध अभियान के तहत दरबार साहिब के सामने स्थित बाजार में कार्रवाई को पहुंची नगर निगम टीम और व्यापारियों में विवाद हो गया। व्यापारियों ने पॉलीथिन के पैकेजिंग मैटीरियल को निगम द्वारा जब्त करने का विरोध कर अफसरों व कर्मचारियों को नगर निगम गाड़ी में बंधक बनाकर हंगामा किया। करीब एक घंटे तक व्यापारियों ने टीम को बाजार में बंधक बनाए रखा एवं निगम के विरोध में नारेबाजी की।
आक्रोशित व्यापारियों ने बाजार भी बंद कर दिया। पुलिस के आने पर हंगामा शांत हुआ व निगम टीम को व्यापारियों के चंगुल से निकाला गया। वहीं, व्यापारियों ने निगम आफिस पहुंचकर नगर आयुक्त से मुलाकात की, लेकिन नगर आयुक्त ने कार्रवाई रोकने से इन्कार कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम गत 27 अगस्त से शहर में पॉलीथिन और प्लॉस्टिक पर प्रतिबंध को अभियान चला रहा है। इसी क्रम में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए और विभिन्न वर्गों के साथ नगर निगम में बैठकें भी की गईं। नगर निगम ने प्रवर्तन की कार्रवाई दो अक्टूबर से शुरू की।
इसी के अंतर्गत मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में निगम टीम दरबार साहिब के समीप पहुंची। यहां टीम ने कार्रवाई कर एक दुकान से हर तरह की पॉलीथिन जब्त कर ली। आरोप है कि इसमें दाल, दूध व दही में इस्तेमाल की जाने वाली पॉलीथिन भी शामिल थीं। इस पर एक दुकानदार ने विरोध शुरू कर दिया।
यह देख आसपास के व्यापारी भी एकत्र हो गए और निगम पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर बाजार बंद कर दिया। व्यापारियों ने जमकर हंगामा किया व निगम के विरुद्ध नारेबाजी की। इस दौरान टीम ने जब्त पॉलीथिन को लेकर गाड़ी से निकलने का प्रयास किया तो व्यापारियों ने गाड़ी को घेर लिया व टीम को बंधक बना लिया। व्यापारियों ने बताया कि केवल पॉलीथिन का सिर्फ कैरी बैग बंद है। दाल की पैकिंग वाली पॉलीथिन क्यों जब्त की जा रही है। इसके साथ ही दुकानदारों का कहना था कि नगर निगम और पुलिस हर बार त्योहार के समय व्यापारियों का उत्पीड़न करते हैं। हंगामे के दौरान व्यापारियों ने निगम की गाड़ी से जब्त सामान छुड़ाने की कोशिश की तो पुलिस से जमकर नोकझोंक हो गई। इस दौरान दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मेसोन समेत कुछ और पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद व्यापारी नेताओं व निगम अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। व्यापारियों ने जब्त हुआ सामान वापस मांगा।
दबाव में नगर निगम द्वारा जब्त सामान वापस दे दिया गया और इसके बाद व्यापारियों ने बाजार खोला। टीम के जाने के बाद व्यापारियों ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से निगम आफिस पहुंच मुलाकात की। पंकज मेसोन ने पैकिंग वाली पॉलीथिन को जब्त करने पर आपत्ति जताई। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के आदेश पर पॉलिथीन, कैरी बैग व प्लॉस्टिक के गिलास, चम्मच सभी प्रतिबंधित है।हंगामे के दौरान आक्रोशित व्यापारियों ने मुख्यमंत्री दाल योजना के तहत प्लॉस्टिक की पैकिंग का मामला भी उठाया। कहा कि सरकार खुद खुलेआम प्लॉस्टिक की थैली में दाल बेच रही है व दुकानदारों को आए दिन परेशान किया जा रहा है।
स्पष्ट नहीं है सरकार
सरकार अब तक भी स्पष्ट नहीं कर पाई है कि किस प्रकार के सिंगल यूज प्लॉस्टिक को प्रतिबंधित किया जाएगा। क्योंकि सिंगल यूज प्लॉस्टिक में सामान्य पॉलीबैग व पानी की बोतल समेत दूध की थैली और तमाम तरह के खाद्य पदार्थों की पैकिंग शामिल है। केंद्र ने सिंगल यूज प्लॉस्टिक को लेकर हर राज्य को गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें छह तरह के प्लॉस्टिक पर प्रतिबंध की बात कही गई है।
इन प्लॉस्टिक पर है प्रतिबंध
पानी की बोतल: 200 एमएल से कम क्षमता की पानी की बोतलों को दो अक्टूबर से प्रतिबंधित।
पानी के पाउच: आपने अक्सर कई समारोह में पानी के पाउच देखें होंगे। अब बाजार ने ऐसे पाउच की बिक्री नहीं की जा सकती।
पॉलीथिन/प्लास्टिक बैग: सभी तरह के पॉली बैग दो अक्टूबर से प्रतिबंधित कर दिए गए। इन बैग में हैंडल व बिना हैंडल वाले दोनों तरह के बैग शामिल हैं।
डिस्पोजेबल आइटम: प्लास्टिक की प्लेट, गिलास, कप, चम्मच, कांटे प्रतिबंधित कर दिए गए। इसमें थर्माकोल से बनी वस्तुएं भी शामिल हैं।
प्लास्टिक के डिब्बे/स्ट्रॉ: होटल/रेस्तरां में अब भोजन के लिए प्लास्टिक के डिब्बों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही प्लास्टिक के स्ट्रॉ भी बंद हो जाएंगी।
सजावटी उपयोग के प्लास्टिक: विभिन्न गिफ्ट आइटम में प्रयुक्त होने वाले, सजावटी आइटम, फूल-माला वाले प्लास्टिक व थर्माकोल पर प्रतिबंध लागू होगा।
कार्टन की पैकिंग में प्रयुक्त : विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक व अन्य उत्पादों के गत्ते के कार्टन के भीतर सुरक्षा के लिए प्रयुक्त प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं रहेगा।
दुग्ध पैकिंग: जिन दुग्ध उत्पादों की पैकिंग दूध व अन्य दुग्ध उत्पादों में की जाती है, वह भी इस प्रतिबंध से बाहर रहेंगे। हालांकि, ऐसे पैकेट में 50 माइक्रोन व इससे अधिक मोटाई का प्लास्टिक होनी चाहिए। साथ ही इसमें बाई बैक (वापसी की खरीद) की राशि दर्ज होनी चाहिए।
चिकित्सा उपयोग के प्लास्टिक: दवाओं की पैकिंग, ग्लूकोज की बोतल व अन्य दवा उत्पादों में प्रयुक्त प्लास्टिक पर प्रतिबंध का नियम लागू नहीं होगा।
थर्माकोल: ऐसे थर्माकोल के डिब्बे, जिनमें मछलियों को लाया-ले जाया जाता है, वह प्रयोग में रहेंगे।
स्टेशनरी में प्लॉस्टिक: रीसाइकल होने वाले ऐसे प्लॉस्टिक, जो कार्यालय व शिक्षण संस्थानों की स्टेशनरी के रूप में प्रयोग किए जा रहे हैं, उन पर प्रतिबंध नहीं रहेगा।
मल्टीलेयर प्लॉस्टिक: चिप्स, कुरकुरे, बिस्कुट, नूडल्स आदि की पैकिंग वाले मल्टीलेयर प्लॉस्टिक भी प्रतिबंध से बाहर रहेंगे।
घरेलू उपयोग के प्लॉस्टिक: प्लॉस्टिक के बर्तन, डस्टबिन, पानी की बोतल समेत घरेलू उपयोग (खाद्य पदार्थों समेत) वाले प्लॉस्टिक पहले की तरह चलन में रहेंगे।
दाल, चावल आदि की पैकिंग: तमाम डिपार्टमेंट या अन्य स्टोर आदि में दाल, चावल, मसाले, पापड़, बेकरी उत्पाद समेत तमाम वस्तुएं प्लॉस्टिक की पैकिंग में आ रही हैं। इन्हें इस शर्त के साथ के छूट दी जा रही है कि इनकी मोटाई 50 माइक्रोन से अधिक होनी चाहिए। साथ ही ऐसे पैकेट में बाई बैक की राशि भी दर्ज होनी चाहिए।
उत्पादों की पैकिंग: तमाम बड़े उत्पादों की पैकिंग में प्रयुक्त होने वाले प्लॉस्टिक व थर्माकोल को इस शर्त के साथ छूट मिलेगी कि उनमें कम से कम 20 फीसद मटीरियल रीसाइकल युक्त हो और उनकी मोटाई 50 माइक्रोन से अधिक हो।