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कोरोना से जंग को कितना जरूरी है लॉकडाउन, जानिए डॉ हेम चन्द्रा की राय।

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पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के दहशत में है। भारत में भी अभी तक कोरोना वायरस से 14792 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 488 लोगों की इस वायरस से मौत हो चुकी है। कोरोना से बचाव व इसे फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन घोषित किया है। जनता से लॉकडाउन का पालन करने व सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की गई है।

 

उत्तराखंड की बात की जाए तो प्रदेश में अभी तक 42 कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जबकि यहां 9 लोग स्वस्थ भी हुए है़। कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है, और विशेषज्ञों द्वारा लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और बार- बार अपने हाथों को धोना ही इसका बचाव बताया गया है।

 

कोरोना वायरस से बचाव के लिए लिए लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, सैनिटाइजेशन, पीपीई किट कितना जरूरी है, इसके बारे में हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेम चन्द्रा पांडे ने वीडियो संदेश के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।

 

इस वीडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने बताया कि वायरस को खत्म करने के लिए सैनिटाइजेशन कीजिए इससे या तो विषाणु मर जाएंगे या कम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि विषाणु बच भी जाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से इसको फैलने से रोका जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होने के नाते कई स्थानों पर जाता है, जिसके चलते संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए लॉकडाउन इसे रोकने का सबसे कारगर उपाय है।

 

 

उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति में यदि संक्रमण रह जाता है तो मास्क पहनने से संक्रमण को दूसरे व्यक्ति में फैलने से रोका जा सकता है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि लॉकडाउन का मतलब किसी को घर में कैद करने से नहीं है बल्कि कोरोना संक्रमण की कड़ी को तोड़ने का कारगर उपाय है। उन्होंने लोगों से सरकार द्वारा लागू किए गए सभी नियमों का पालन करने की अपील की है। डॉ. चन्द्रा ने कहा कि इन नियमों का पालन कर हम एक दिन कोरोना को हराने में जरूर सफल हो़गे।

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