कोरोना संकट के चलते देश में कई सेवाएं प्रभावित हुई हैं, और इसका सीधा प्रभाव आम आदमी की जिंदगी पर पड़ा है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बात करें तो नॉन कोविड मरीज अस्पताल जाने से ही बच रहे हैं। उत्तराखण्ड के पहाडी जनपदों के अस्पतालों में भी सामान्य मरीजों की संख्या में कमी देखी गई है। इसके पीछे कोरोना संक्रमण का डर व अस्पताल तक पहुंचने के लिए परिवहन व्यवस्था का सुचारू नहीं होना भी माना जा रहा है।
दैनिक अखबार हिंदुस्तान ने अपनी एक रिपोर्ट में अल्मोड़ा जिले के जिला महिला व एक प्राइवेट क्लीनिक तथा बागेश्वर जिले के जिला अस्पताल में पड़ताल कर दावा किया है कि इन अस्पतालों में 50 प्रतिशत मरीज भी उपचार को नहीं पहुंचे। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि छोटी-मोटी बीमारी में लोग अस्पताल जाने से बच रहे हैं, घरेलू दवाओं से ही काम चला रहे हैं। इस वजह से सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बेहद कम हो गई है।
यही हाल प्रदेश में अन्य जनपदों के अस्पतालों में भी है, कोरोना संक्रमण के चलते काशीपुर के एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में ओपीडी के साथ-साथ सिजेरियन डिलीवरी व अन्य सर्जरी में 50% तक की कमी आई है। एल डी भट्ट सरकारी अस्पताल में काशीपुर के अलावा यूपी व पर्वतीय क्षेत्रों से भी लोग पहुंचते हैं, लेकिन इस वर्ष मार्च से कोरोना संक्रमण के चलते कम संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि राज्य की लगी यूपी सीमा से बहुत कम लोग अस्पताल पहुंच पा रहे हैं।