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कांग्रेस ने भाजपा को बताया खनन प्रेमी, कहा युवा बेहाल- खनन माफिया मालामाल…..

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उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के लिए चल रही जोर आजमाइश में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है। बीजेपी ने जहां नमाज की छुट्टी व मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है, तो वहीं अब कांग्रेस ने खनन को लेकर बीजेपी को घेरा है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव और राष्ट्रीय प्रवक्ता बल्लव भाजपा व प्रदेश सरकार पर खनन प्रेमी होने का आरोप लगाया है। उन्होेेंने कहा है युवा बेहाल- खनन माफिया मालामाल, सबसे पहले देवभूमि की भूमि को खनन प्रेमी मुख्यमंत्री से बचाना है। अवैध खनन को मुख्यमंत्री के संरक्षण के कारण पिछले 5 वर्षों में एक वर्ष भी उत्तराखण्ड की डबल इंजन की धुंआ छोड़ सरकार अपने खनन राजस्व के लक्ष्य  को प्राप्त नहीं कर पाई।

  • वर्ष               खनन राजस्व लक्ष्य              प्राप्त खनन राजस्व
  • 2017-18           620                                   437
  • 2018-19           750                                   451
  • 2019-20           750                                   391
  • 2020-21           750                                   506
  • 2021-22           750           178 (अक्टू. 2021 तक) रूपए करोड़ में

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 2021 की खनन नीति जिसके तहत समतलीकरण के नाम पर प्राइवेट लोगों को बिना टेंडर जारी किए खनन के पट्टे आवंटित कर दिए गए, जिसे माननीय हाइकोर्ट ने भी असंवैधानिक माना है और तो और तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा सरकार ने इसके लिए भारत सरकार की अनुमति भी नहीं ली, जिसे लेना आवश्यक होता है।

मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी की बहाली पर भी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को घेरा –

कांग्रेस ने कहा खनन प्रेमी मुख्यमंत्री के संरक्षण में अवैध खनन चलता है, आचार संहिता लगने से कुछ दिन पूर्व ही खनन प्रेमी मुख्यमंत्री ने अपने जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट को फिर से बहाल कर दिया। नंदन सिंह बिष्ट को बागेश्वर में खनन सामग्री के साथ पकड़े गए डंपर को छोड़ने के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखने के लिए हटाया गया था, क्या उनकी पुन: बहाली अवैध खनन को बढ़ावा नहीं दे रही.?

भाजपा के कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर तो उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अवैध खनन का आरोप लगाया। लोहाघाट के एसडीएम ने जब खनन माफिया की नकेल कसी तो खनन प्रेमी मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा आहत हो गयी और जनभावनाओं की अनदेखी कर उनका तत्काल प्रभाव से तबादला तक कर दिया तो ये अवैध खनन प्रेम नहीं तो और क्या है ?

खनन राज्य के राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। हम 10 मार्च 2022 से अवैध खनन को बंद करवाकर, सरकार द्वारा लक्षित राजस्व को प्राप्त करेंगे और उस राशि का प्रयोग युवाओं को और अधिक रोजगार देने में करेंगे।