मंगलवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड-यूसीसी (UCC) सदन के पटल पर पेश किया। उत्तराखण्ड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। यूसीसी बिल को सदन में पेश करते ही सत्ता पक्ष के विधायकों ने जय श्रीराम व वंदेमांतरम के नारे लगाए।
उत्तराखण्ड यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिव इन में रहने वालों के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन, संम्पत्ति में महिलाओं को समान अधिकार, शादी पंजीकरण अनिवार्य आदि मुद्दों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता से जो वादा किया था उसे पूरा करने का समय आ गया है। यूसीसी को कानून के रूप में जल्द ही उत्तराखण्ड में लागू किया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम धामी ने जनता वादा किया था कि अगर दोबारा प्रदेश में भाजपा की सरकार आती है तो वे यूसीसी लागू करेंगे।
23 मार्च, 2022 को दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद धामी ने अपनी पहली ही कैबिनेट में ही यूसीसी लाने की मंजूरी दी और ड्राफ्ट बनाने को कमेटी बनाई थी। समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट सामने आने के साथ ही, अनुसूचित जनजातियों की आशंकाओं का भी समाधान हो गया है। कमेटी ने अनुसूचित जनजातियों को इस प्रस्तावित संहिता से बाहर रखने की सिफारिश की है।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू होने से पहने विपक्षा कांग्रेस के विधायकों ने सदन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना था कि कांग्रेस यूसीसी का विरोध नहीं करती लेकिन चर्चा के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए।
सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन यूसीसी के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कूच किया था। नुमाइंदा ग्रुप उत्तराखंड के बैनर तले कूच में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्राचा, बौद्ध अनुयायी भंते करुणाकर भी शामिल हुए। महिलाएं भी काफी संख्या में पहुंची थीं। लेकिन, पुलिस ने रिस्पना से पहले बने बैरिकेडिंग पर रोक लिया। लोगों ने यूसीसी वापस लेने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।