मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को डी.आई.टी विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की। इस अवसर पर 1527 बच्चों को उपाधियां प्रदान की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि डी.आई.टी विश्वविद्यालय की देश में विशेष पहचान है। उत्तराखण्ड शिक्षा के हब के रूप में जाना जाता है।यहां देश के लगभग सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।देश में शान्तिप्रिय वातावरण एवं अच्छी शिक्षा के लिए देहरादून की विशिष्ट पहचान है। राज्य सरकार का प्रयास है कि यहां देशभर से पड़ने वाले बच्चों को अच्छा वातावरण मिले।इसी उद्देश्य से देहरादून में ‘भारत भारती’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से उत्तराखण्ड में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को हर सम्भव सहयोग दिया जायेगा। हमारे पूर्वजों के त्याग एवं आतिथ्य का भाव की वजह से उत्तराखण्ड की पहचान देवभूमि के रूप में है।
उन्होंने कहा हमारा प्रयास है कि छात्र-छात्राओं को क्वालिटी एजुकेशन मिले, इसके लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पौड़ी में स्किल डेवलपमेंट का सेंटर बनाया जा रहा है, यह सेंटर उच्च गुणवत्ता का बनाया जायेगा, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान होगी। गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही विदेशी भाषाओं की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इस अवसर पर चांसलर डी.आई.टी के चैयरमेन अनुज अग्रवाल, चांसलर डी.आई.टी एन. रविशंकर, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, डी.आई.टी के वीसी ए.के.रैना आदि उपस्थित थे।