प्रदेस सरकार ने अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए भी चारधाम यात्रा की अनुमति दे ही है। देवस्थानम बोर्ड द्वारा इसकी गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए चारधाम यात्रा शुरु किए जाने का विरोध भी किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि जो लोग कोरोना को मात दे चुके हैं, उनकी इच्छा है कि वो चारधाम की यात्रा करें और उन्हीं की इच्छा का सम्मान करते हुए चारों धामों की यात्रा देशवासियों के लिए खोल दी गई है।
मुख्यमंत्री ने यात्रा का विरोध करने वालों पर मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने कहना है कि जो चारधाम यात्रा का विरोध कर रहे हैं, वो तीर्थ पुरोहित नहीं बल्कि कांग्रेस के पदाधिकारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उन्हें नाम से भी जानता हूं और शक्ल से भी जानता हूं। और उन्हें आज से नहीं 20 सालों से जानता हूं। तीर्थ पुरोहित ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि कांग्रेस से जुड़े लोग ऐसा कर रहे हैं।
दरअसल अन्य राज्यों के तीर्थ यात्रियों के लिए भी य़ात्रा शुरू करने का तीर्थ पुरोहित समाज विरोध कर रहा है। गंगोत्री धाम मंदिर समिति के पूर्व कोषाध्यक्ष रजनीकांत सेमवाल का कहना है कि राज्य में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। और बिना लक्षण के मरीज बड़ी संख्या में मिल रहे हैं, ऐसे में चारधाम यात्रा का संचालन करना खतरे को बढ़ावा देना है। उन्होने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों को कांग्रेसी बताए जाने के बयान पर कहा कि किसी भी तीर्थ पुरोहित का कांग्रेस से कोई नाता नहीं है।