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चार दिन पहले मिल सकेगी नदियों में बाढ़ की सूचना…

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वर्ष 2024 के बाद गंगा के साथ ही उत्तर पूर्वी राज्यों की नदियों को बाढ़ के नुकसान से बचाया जा सकेगा। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा बनाया जा रहा ‘नेशनल वॉटर इंफॉरमेशन सिस्टम’ चार दिन पहले बता देगा कि बाढ़ संभावित क्षेत्र में कितना पानी आएगा। इससे बचाव के इंतजाम में आसानी होगी।

थ्रीडी सर्वे

विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत सर्वे ऑफ इंडिया वर्ष 2020 तक इस परियोजना का थ्रीडी सर्वे मंत्रालय को सौंपेगा। उसके बाद चार साल में नदियों के किनारे बसे गांवों और शहरों में उपकरण लगेंगे, जो सटीक सूचना देंगे।

पिछले साल यूपी में 225 की जान गई

यूपी में पिछले साल 225 से ज्यादा लोगों की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई थी। अभी मौसम विभाग ये तो पूर्वानुमान लगा देता है कि संबंधित इलाकों में बारिश होगी और बाढ़ की समस्या हो सकती है। लेकिन यह पता नहीं लग *पाता कि गांव और शहरों में कितना *पानी आएगा।.

जल संकट का समाधान हो सकेगा

नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट दुनिया की पहली ऐसी परियोजना है, जो भारत के बड़े हिस्से का जल संकट खत्म कर सकती है। सर्वे जनरल ऑफ इंडिया ले. जनरल गिरीश कुमार सिंह बताते हैं कि केंद्रीय जल बोर्ड के जरिए यह डाटा मिल जाएगा कि इन इलाकों में भूजल स्तर कितना है। वहीं, सर्वे ऑफ इंडिया के थ्री डी वॉटर लेवलिंग से पता चलेगा कि नदियों में कहां, कितना गहरा पानी है। इससे जहां गहरा रुका पानी होगा, वहां से पानी दूसरे इलाकों में भेजा जा सकता है।

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