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देहरादूनः गढ़ी कैंट बोर्ड कूड़े-कचरे से कराएगा जैविक खाद तैयार, हजारों टन कूड़े से मिलेगी निजात…

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गढ़ी कैंट बोर्ड ने अपने कूड़े के निस्तारण का समाधान ढूंढ लिया है। कैंट बोर्ड ट्रंचिंग ग्राउंड में पड़े हजारों टन कूड़े-कचरे से जैविक खाद तैयार करेगा। इस खाद का प्रयोग पार्कों में करने के साथ ही कैंट बोर्ड इसे बेचकर अपनी आमदनी भी बढ़ाएगा।

इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी को ठेका दिया गया है। कंपनी की ओर से प्रेमनगर ट्रंचिंग ग्राउंड में प्लांट लगाया है। कंपनी की माने तो दिसंबर से प्लांट में कचरे से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

कई वर्षों से कैंट बोर्ड गढ़ी के लिए कूड़ा निस्तारण चुनौती बना हुआ है। वर्तमान में कैंट बोर्ड के दो ट्रंचिंग ग्राउंड हैं। एक प्रेमनगर तो दूसरा टपकेश्वर में। इस दोनों ट्रंचिंग ग्राउंड में प्रतिदिन पूरे कैंट क्षेत्र से 80 से 90 टन कूड़ा जमा होता है। आलम यह है कि दोनों ट्रंचिंग ग्राउंड कूड़े से फुल हो चुके हैं।

दिसंबर से शुरू हो जाएगा प्लांट
कूड़े के निस्तारण के लिए कैंट बोर्ड ने नगर निगम से बातचीत की थी, लेकिन नगर निगम ने भी कैंट का कूड़ा अपने ट्रंचिंग ग्राउंड में फेंकने और निस्तारण से हाथ खड़े कर दिए। एनजीटी भी कैंट बोर्ड को अपने कूडे़-कचरे का निस्तारण करने का आदेश दे चुकी है।

ऐसे में कूड़ा निस्तारण कैंट बोर्ड के लिए चुनौती बन गया था, लेकिन अब कैंट बोर्ड ने कूड़ा निस्तारण का समाधान ढूंढ लिया है। बोर्ड अब ट्रंचिंग ग्राउंड में एकत्रित कूड़े से जैविक खाद तैयार करेगा। इसके लिए बोर्ड के लिए दिल्ली की एक कंपनी आकांक्षा इंटरप्राइजेज को प्लांट लगाने और खाद लगाने का ठेका दिया है। कंपनी ने प्रेमनगर ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट तैयार कर लिया है।

कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जोवा पुजारी ने बताया कि प्लांट पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है। अभी बिजली का कनेक्शन नहीं हो पाया है, जो कैंट बोर्ड की ओर से होना है। बिजली कनेक्शन लगते ही प्लांट में कूड़ा निस्तारण का काम शुरू हो जाएगा। फिलहाल ट्रंचिंग ग्राउंड में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करने का काम किया जा रहा है। एक दिसंबर से प्लांट में खाद बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

100 किलो कूड़े से बनेगा बीस किलो जैविक खाद
प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि जैविक खाद बनाने के लिए जैविक कचरे में बैक्टीरिया मिलाकर उसे गला दिया जाता है। बैक्टीरिया के छिड़काव करने से वह 35 से 40 दिन में जैविक खाद के रूप में परिवर्तित हो जाता है। 100 किलो कूड़े से करीब 20 किलो खाद बनाया जाएगा। इस खाद को कैंट बोर्ड को सौंप दिया जाएगा।

कूडे़ का निस्तारण कैंट बोर्ड के लिए चुनौती बन गया था, लेकिन अब जल्द ही इससे निजात मिल जाएगी। जिस कंपनी को ठेका दिया गया है। उसे जल्द से काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। बिजली का कनेक्शन भी प्लांट में जल्द लगा दिया जाएगा। जिससे कि काम शुरू हो पाए। इससे कैंट में कूड़े की समस्या तो खत्म होगी ही, साथ ही बोर्ड को आमदनी भी होगी।