उत्तराखण्ड के लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है।विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक ने जौलजीबी-टनकपुर मोटर मार्ग के टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव लाकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। भाजपा विधायक ने पत्र लिखकर सीधे तौर पर सरकार को भ्रष्ट्राचार के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल पहले भी इस मामले पर मुख्यमंत्री से शिकायत कर चुके हैं, साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी मसले पर शिकायती पत्र लिख चुके हैं। विधायक ने विधासभा के प्रभारी सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि टनकपुर-जौलजीबी मोटर-मार्ग के निर्माण करने वाली संस्था ने टेण्डर प्रक्रिया में फर्जी प्रपत्रों से प्रतिभाग कर मोटर मार्ग का निर्माण करने का कार्य प्राप्त किया है, जिसमें अधिकारियों की पूर्व से ही मिलीभगत थी, क्योंकि उनके द्वारा प्रारम्भ से ही कार्य का आगणन 4 गुना बढ़ाकर बनाया गया था और मिलीभगत कर फर्जी प्रपत्रों के द्वारा ठेकेदार का कार्य आवंटन भी किया गया।
विधायक ने इस सड़क निर्माण नें भारी भ्रष्ट्राचार व लेन-देन के कारण सरकार का आर्बिट्रेशन के विरूद्द न्यायालय में अपील ना करना जनता के धन का दुरुपयोग बताया है। उन्होंने इस विषय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए सदन की समस्त कार्यवाही रोक कर चर्चा की मांग की है।
विधायक की इस मांग को विपक्ष ने भी मुद्दा बनाकर हाथों-हाथ लिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिहं ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार के खिलाफ सत्ता पक्ष के विधायक ने कार्यस्थगन के तहत प्रस्ताव सदन में लाया हो। उन्होंने कहा कि विधायक की जीरो टॉलरेंस की नीति की पोल खोल कर रख दी है।