देहरादून : पहाड़ में बारिश और भूस्खलन के कारण बंद हो रही सड़कों के चलते लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। पहाड़ी से मलबा आने के कारण मंगलवार को चार धाम मार्ग घंटों बंद रहे। उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे साढ़े पांच घंटे बंद रहा, वहीं रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड हाईवे 23 घंटे बाद खुल सका। यहां दिनभर सैकड़ों यात्री फंसे रहे। हाईवे को सुचारु करने के लिए दिन भर जेसीबी सड़कों पर लगी रही। उत्तरकाशी के बड़ेथी में गंगोत्री राजमार्ग पर दिनभर रुकरुक कर मलबा आता रहा, जबकि मठियाली तोक के पास गंगोत्री राजमार्ग पर ऑलवेदर रोड निर्माण का मलबा गिरने से ट्रक, बोलेरो व बाइक दब गई। वहीं, बागेश्वर में अतिवृष्टि से एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया। हालांकि किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुइ है
रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड हाईवे मंगलवार सुबह 11 बजे करीब बांसवाड़ा में मलबा आने के कारण बंद हो गया था। प्रशासन ने केदारनाथ यात्रियों की सुविधा को देखते हुए बांसवाड़ा-बेडुबगड़-अगस्त्यमुनि और दूसरे विकल्प के रूप में गंगानगर से बसुकेदार होते हुए गुप्तकाशी के लिए वाहनों को डायवर्ट किया। बुधवार सुबह लगभग दस बजे नेशनल हाईवे बांसवाड़ा से मलबा पूरी तरह हटाकर यातायात सुचारु कर पाया।
उत्तरकाशी में बारिश के कारण गंगोत्री राजमार्ग बुधवार सुबह चुंगी बडेथी के समीप बंद रहा। रुक-रुक कर राजमार्ग पर मलबा आने के कारण सड़क के दोनों ओर जेसीबी मशीने लगी रही। राजमार्ग पर मलबे के कारण दलदल होने से छोटे वाहनों के लिए बंद और बड़े वाहनों के लिए मार्ग खुला रहा। उधर, यमुनोत्री राजमार्ग पर डाबरकोट के पास भूस्खलन होने से राजमार्ग सुबह साढ़े पांच बजे बाधित रहा। चमोली जिले में भी बुधवार को दिन भर मौसम रंग बदलता रहा। दोपहर 11 बजे करीब बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में भूस्खलन से बंद हो गया। एनएच कर्मचारियों ने जेसीबी से मलबा हटाकर तीन घंटे बाद करीब दो बजे हाईवे पर यातायात सुचारु किया।
अतिवृष्टि से मकान ध्वस्त
बागेश्वर जिले में अतिवृष्टि से एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है। हालांकि किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुई है। क्षेत्रीय पटवारी ने घटना स्थल का मौका मुआयना कर रिपोर्ट तहसीलदार को सौंप दी है। पीड़ित परिवार ने पड़ोसी के घर में शरण ली है।
आपको बता गदें कि पटवारी क्षेत्र खांकर के पगना गांव में अतिवृष्टि से दान सिंह पुत्र खुशाल सिंह का आवासीय मकान ध्वस्त हो गया। घटना में परिवार के सदस्य और मवेशी बाल-बाल बचे। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि घटना के तुरंत बाद पीड़ित परिवार को राहत पहुंचाने के लिए राजस्व विभाग की टीम गांव पहुंची और पटवारी ने क्षति का आंकलन किया है। बताया कि घटना में किसी भी प्रकार की जन और पशु हानि नहीं हुई है।