अटल आयुष्मान योजना में बढ़ते जा रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए अब फ्रॉड डिटेक्शन टीम गठित की जा रही है। स्वास्थ्य महानिदेशालय के साथ ही जिलास्तर पर भी इस टीम का गठन किया जाएगा। यह निजी अस्पतालों में होने वाली गड़बड़ी पकड़ने का काम करेगी। वैसे अटल आयुष्मान योजना में गड़बड़ी पकड़ने के लिए सॉफ्टवेयर है, मगर लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए अब फ्रॉड डिटेक्शन टीम भी तैयार हो रही है। यह टीम प्राइवेट अस्पतालों के औचक निरीक्षण के साथ ही शिकायतों का भी अध्ययन करेगी। इस बारे में अटल आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत ने बताया कि इस योजना में गड़बड़ी पकड़ने के लिए फ्रॉड डिटेक्शन टीम तैयार की जा रही है। पहले चरण में केंद्र से आई टीम ने आयुष्मान सोसायटी के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है। अब राज्य के सभी जिलों में भी टीमें बनाकर इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसका मकसद आयुष्मान योजना में गड़बड़ी रोकना और असल मरीजों को लाभ दिलाना है।
अब तक पकड़ में आ चुके हैं छह अस्पताल
अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े को लेकर राज्य भर में अब तक छह निजी अस्पताल जांच के दायरे में आ चुके हैं। इसमें काशीपुर का आस्था हॉस्पिटल, अली नर्सिंग होम, सहोता और कृष्णा हॉस्पिटल के साथ ही हरिद्वार का प्रिया हॉस्पिटल और लक्सर का जीवन ज्योति हॉस्पिटल शामिल है। इनके खिलाफ जल्द कार्रवाई हो सकती है।
हर मरीज पर एजेंसी की नजर
अटल आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए मंजूरी और मेडिकल के बिलों की जांच के लिए इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी (ईएसए) नामित की गई है। यह एजेंसी प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने से पहले मरीज के इलाज के लिए मंजूरी देने के साथ ही पैकेज का भी निर्धारण करती है। प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों की ओर से किए इलाज का विश्लेषण करने के लिए इस एजेंसी ने विशेषज्ञ डॉक्टर रखे हैं। इसके साथ ही जांच और ऑपरेशन का भी परीक्षण किया जा रहा है। फिर क्लेम का भुगतान भी पूरी जांच के बाद किया जा रहा है।