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आस्ट्रेलियाई मरीनो भेड़ो से होगी प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी

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उत्तराखंड में कृषि एवं पशु-पालन यहां के लोगों का प्रमुख व्यवसाय रहा है, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोग मुख्य रुप से भेड़ पालन से जुड़े है, भेड़ पालन से उत्तराखंड में ऊन का कारोबार बड़े स्तर पर किया जाता है।भारतीय नस्ल की भेड़ों के साथ-साथ अब ऑस्ट्रेलियन नस्ल की भेड़ों का भी उत्तराखंड में पालन किया जा रहा है, जिसके लिए ऑस्ट्रेलिया से खास नस्ल की भेड़ों को टिहरी गढ़वाल में लाया गया है।
भेड़ पालन करने वाले किसानों की आय में वृद्धि और उत्तराखंड में ऊन के कारोबार में वृद्धि की दृष्टि से राज्य में आस्ट्रेलिया से खास नस्ल की मेरिनो भेड़ो को लाया गया है आस्ट्रेलिया से आई इन 240 भेड़ो को मंगवाने के लिए लगभग 8.5 करोड़ का खर्च आया है, इन 240 भेड़ों में 200 फीमेल और 40 मेल भेड़ों को टिहरी गढ़वाल के कोपरधार में चल रहे राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र में लाया गया है। इन सभी भेड़ो को 3 साल तक प्रजनन के लिए रखा जाएगा जिन्हें चौथे साल तक किसानों को सौंप दिया जाएगा।भारत सरकार ने भारत में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए हिमाचल, कश्मीर, और उत्तराखंड में ऑस्ट्रेलिया से मेरिनो भेड़ो का आयात किया है, इन भेडों की खास बात ये है कि एक बार में इन भेड़ों से 6 से 7 किलो ऊन उतारा जा सकता है, जो भारतीय नस्ल की भेड़ों से ज्यादा है।इन भेड़ों से 8 साल तक ऊन उत्पादन किया जा सकता है, इनके रखरखाव के लिए आस्ट्रेलिया से आये किसानों का राज्य के मुख्यमंत्री ने स्वागत करते हुए कहा है कि इन भेड़ों से राज्य के किसानों की आय दुगनी- तिगुनी हो जाएगी जो राज्य में भेड़ के व्यवसाय के लिए ये वरदान साबित होंगी।