Home अपना उत्तराखंड अल्मोड़ा अल्मोड़ा- बोगेनबेलिया व देवदार के अमर प्रेम को ये किसकी नजर लगी।

अल्मोड़ा- बोगेनबेलिया व देवदार के अमर प्रेम को ये किसकी नजर लगी।

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अल्मोड़ा नगर के पंत पार्क माल रोड़ में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली बोगेनबेलिया अब नहीं दिखाई देगी। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की शान व पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली देवदार के पेड़ पर लिपटी बोगेनबेलिया मूसलाधार बारिश के कारण धराशायी हो गई है। ये बोगनविलिया की बेल देवदार के पेड़ों से लिपटी हुई थी, इसकी सुंदरता हर किसी को कुछ पल ठहरने पर मजबूर कर देती थी। बुधवार सुबह मूसलाधार बारिश में ये दोनों पेड़ उखड़ गए हैं, इनके साथ यह बेल भी जमी पर गिर गई। पेड़ व बेल के जमीन पर गिरने से सड़क पर जाम लग गया, साथ ही लोगों में भी इस पेड़ व बेल के गिरने की मायूसी छाई है।

प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी को हालांकि प्रकृति ने अपनी खूब नेमतें बख्शी हैं। लेकिन नगर के बीचों बीच देवदार के वृक्ष पर फैली बोगेनबेलिया की बेल इन नेमतों के बीच पर्यटकों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करती थी। हर साल यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक यहां आकर देवदार और बोगेनबेलिया के इस अद्भुत संगम का दर्शन करना नहीं भूलते थे।

जिला मुख्यालय में दशकों से आसमान छूती बोगेनबेलिया की लता (वुडी क्लांबर)प्रजाति का यह 50 फिट से अधिक ऊंचा पुष्प पेड़ पर्यटकों का खासा आकर्षण का केन्द्र था। मजेदार बात यह है कि ठीक पर्यटन सीजन अप्रैल से जून माह तथा जब शीतकाल में फूलों की कमी हो जाती है तब अक्टूबर से दिसंबर के मध्य यह अपनी छटा बिखेर कर लोगों को बरबस अपनी ओर आकृर्षित करता था। हजारों फूलों से लदकर यह पर्यटकों को बरबस अपनी ओर लुभाता था। बोगेनबेलिया मलेशिया व ताइवान का राजकीय पुष्प है। भारत, पाकिस्तान,श्रीलंका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में इसको सजावटी लता के रूप में लगाया जाता है। सांस्कृतिक नगरी के प्रधान डाकघर के समीप पं. गोविन्द बल्लभ पंत पार्क में लगी बेल के बारे में बताते हैं कि यह बेल अंग्रेजों के शासन से पूर्व से रही है।