
भारतीय मूल के अमेरिकी अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है नोबेल प्राइज की शुरूआत 1901 में हुई थी।
नोबेल पाने वाले अभिजीत का जन्म मुंबई में हुआ था. जबकि उनकी पढ़ाई लिखाई कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज में हुई. MA के लिए उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय में दाखिला लिया. अभिजीत के माता-पिता भी जाने माने अर्थशास्त्री हैं.अभिजीत ने जेएनयू से एम.ए. करने के बाद Ph.D के लिए हार्वड यूनिवर्सिटी चले गए थे. इसके अलावा उन्हें अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से फैलोशिप मिली हुई है.अभिजीत फिलहाल फोर्ड फाउंडेशन से जुड़े हैं. वो MIT में इंटरनेशनल प्रोफेसर ऑफ इकॉनोमिक्स हैं. इसके अलावा वो पावर्टी एक्शन लैब के संस्थापक और डायरेक्टर हैं.J-PAL की स्थापना 2003 में हुई थी. इस संस्था को बनाने का मकसद गरीबी से लड़ने के लिए प्रभावशाली और वैज्ञानिक दृष्टिकोण देना है.द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने उनके शोध को वैश्विक स्तर पर गरीबी से लड़ने की क्षमता को बेहतर बनाने वाला बताया. दो दशक में उनके नए प्रयोगधर्मी दृष्टिकोण ने विकास अर्थशास्त्र को पूरी तरह बदल दिया है.
आपको बता दें कि अभिजीत और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो ने गरीबी से निपटने के कई सिद्धांत दिए हैं, जिन्हें कई देशों ने अपने यहां पर लागू भी किया है। अफ्रीका के कुछ देश इसमें शामिल हैं। जिन देशों ने इन सिद्धांतों को लागू किया है उन्हें इससे फायदा भी हुआ है। आपको बता दें कि अभिजीत की पत्नी एस्थर डुफ्लो अर्थशास्त्र में नोबेल पाने वाली दुनिया की दूसरी महिला हैं। वहीं एस्थर और अभिजीत ऐसे छठे दंपत्ति हैं जिन्हें ये सम्मान मिला है। अभिजीत और डुफ्लो ने भारत के कई राज्यों और शहरों में काम किया है। उदयपुर में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए जो योजना लागू की गई थी उसका खाका भी अभिजीत ने ही तैयार किया था।
अभिजीत से पहले 9 भारतीयों को मिला है नोबेल पुरस्कार
- रवीन्द्रनाथ टैगौर (साहित्य) को उनकी काव्यरचना गीतांजलि के लिये उन्हे वर्ष 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
- सीवी रमन भारतीय भौतिक-शास्त्री थे जिन्हें प्रकाश के प्रकीर्णन पर किए गए शोध के चलते उन्हें 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
- 1979 में मदर टेरेसा को मिशनरी ऑफ चैरिटी के माध्यम से किए गए मानव कल्याण के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1998 में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 2014 में कैलाश सत्यार्थी शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1968 में भारतीय मूल के हरगोविन्द खुराना को फिजियोलॉजी और मेडिसिन के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- 1983 में भौतिक शास्त्र पर उनके अध्ययन के लिए सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेख भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था।
- 2009 में वेंकटरामन रामकृष्णन रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
- 2001 में साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए वीएस नायपॉल को नोबेल पुरस्कार दिया गया था।