कोरोना संकट ने आम जन-जीवन पर खासा प्रभाव डाला है। कोरोना वायरस आज विश्व भर के देशों की स्वास्थ्य सेवाओं के सामने एक चुनौती के रूप में तो खड़ा है ही। इस वायरस ने विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था को भी झकझोर कर रख दिया। भारत में भी कोरोना संक्रमण के फैलने की दर लगातार बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण के चलते देश में कई क्षेत्रों में बदलाव देखा जा रहा है। व्यावसायिक गतिविधियों में वर्क फ्राम होम पर अधिक जोर दिया जा रहा है। तो वहीं शिक्षण संस्थानों के बंद होने के चलते ऑनलाईन पढ़ाई कराई जा रही है।
देश में लॉकडाउन के बाद अनलॉक के तहत विभिन्न आर्थिक गतिविधियों को सुचारू कर दिया गया है, लेकिन शिक्षण संस्थानों को अभी भी नहीं खोला जा सका है। बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए आगे भी शिक्षण संस्थानों के खुलने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, इसे देखते हुए सरकार ऑनलाईन शिक्षा ढ़ांचे को और मजबूत बनाना चाहती है। केन्द्र सरकार ने जहां ऑनलाइन पढ़ाई के लिए समय निर्धारित कर दिया है, तो वहीं राज्य सरकारों को भी ऑनलाइन क्लासेज की सुविधाओं को विकसित करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा विभाग भी इस कड़ी में आगामी शैक्षिक सत्र के दौरान ऑनलाईन पढ़ाई का आधार मजबूत करने के लिए जुट गया है। इसी क्रम में विभाग अपने यू-ट्यूब चैनल पर सभी विषयों में पचास प्रतिशत लेक्टर अपलोड़ करने की तैयारी कर रहा है। कोरोना के चलते आगामी सत्र में भी कॉलेजों में नियमित कक्षाएं चलनी मुश्किल हैं। उच्च शिक्षा विभाग इसी क्रम में 16 अगस्त से छात्रों के लिए ऑनलाईन पढ़ाई शुरु करने जा रहा है। विभाग ने इसके लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है। उच्च शिक्षा निदेशालय अपना यू-ट्यूब चैनल तैयार कर चुका है, यू-ट्यूब वीडियो के साथ सुविधा यह भी है कि छात्र नेटवर्क मिलने पर कभी भी इसे देख सकते हैं। इसमें किसी आईडी, पासवर्ड की भी जरूरत नहीं है। इसीलिए निदेशालय यू-ट्यूब चैनल को मजबूत बनाने जा रहा है।