राज्य वित्त आयोग व 14वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए धनराशि प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है।यह पैसा ग्राम पंचायतों को सीधे न मिल कर जिले के माध्यम से मिलता है।ऐसे में धनराशि ग्राम पंचायतों के पास पहुंचने में काफी समय लग जाता है।जिससे विकास कार्य प्रभावित होते है।इसी के चलते पंचायतीराज निदेशालय ने ग्राम पंचायतों को सीधे पीएफएमएस से जोड़ने की तैयारी कर ली है।इसके बाद विकास कार्यों के लिए मिलने वाली धनराशि सीधे ग्राम पंचायतों के खातों में भेजी जाएगी। इसके लिए जिले स्तर पर ग्राम पंचायतों के खातों को लोक वित्त प्रबंधन व्यवस्था (पीएफएमएस) सर्वर से 15 दिन के अंदर जोड़ा जाएगा।
निदेशक पंचायत एचसी सेमवाल के मुताबिक पंचायतों को हाल में वित्त विभाग ने राज्य वित्त व 14वें वित्त के तहत दी जाने वाली धनराशि की अंतिम किस्त भी जारी की थी।वित्त ने पंचायत निदेशालय को 15 दिन के अंदर यह धनराशि ग्राम पंचायतों के खातों में हस्तांतरित करने को कहा था।
पंचायत विभाग के मुताबिक इस पैसे को एकमुश्त पंचायतों में खातों में हस्तांतरित करने की तैयारी की जा रही है।वित्त विभाग से भी इसकी अनुमति ले ली गई है।इसके साथ ही सभी जिलों को कहा गया है कि अधिकतम दस दिन के अंदर ग्राम पंचायतों के खातों को पीएफएमएस सर्वर से जोड़ लिया जाए।यह होते ही पंचायतों के खातों में सीधे धनराशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।
पंचायतीराज विभाग की योजना है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में एक साथ सभी पंचायतों के खाते में धनराशि हस्तांतरित की जाएगी।पंचायत निदेशक एचसी सेमवाल के मुताबिक यह कोशिश ग्राम पंचायतों के खातों को केंद्रीय सर्वर से जोड़ने की है। कुछ पर्वतीय जिलों में यह काम होना बाकी है और इस काम को तेज करने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समारोह आयोजित कर पैसों का हस्तांतरण होने से नव गठित पंचायतों का मनोबल भी बढ़ेगा।ग्राम पंचायतों को सीधा पैसा मिलने से विकास कार्य भी प्रभावित नहीं होंगे।