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आज है World Heart Day.

रोजाना की व्यस्त जीवनशैली और खान-पान में अनियमितता ने आज लोगों को कई बीमारियों की ओर धकेल दिया है। इन बीमीरियों में हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा एक ऐसी बीमारी है जो बहुत ही तेजी से बढ़ी है। दिल की बीमारी से बचने के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल के 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता है। हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अधिकतर लोग इसके लक्षणों को नहीं पहचान पाते और इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। लेकिन आप अपनी कुछ आदतों में सुधार कर इस बीमारी से बच सकते हैं।
आज हम आपको 4 ऐसे आसान उपायों के बारे बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप आसानी से दिल की बीमारी को दूर कर सकते हैं…
कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल एक केमिकल कंपाउंड है जो हमारे लिवर में होता है। यह हमारे शरीर में नई कोशिकाओं और हॉर्मोंस को व्यवस्थित रखने में सहायक होता है। हमारे शरीर को जब भी कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है तो लिवर इसे निकाल देता है और शरीर अपनी जरूरत को पूरा कर लेता है। लेकिन जो भी अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में जमा होता है वह शरीर के लिए नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल हो जाता है। मेडिकल की भाषा में इस कोलेस्ट्रॉल को एलडीएल कहते हैं। एलडीएल हमारे शरीर के रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है, जिससे दिल और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। एलडीएल जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए डेयरी उत्पाद या अन्य फैट युक्त चीजों के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहे।
कोलेस्ट्रॉल एक केमिकल कंपाउंड है जो हमारे लिवर में होता है। यह हमारे शरीर में नई कोशिकाओं और हॉर्मोंस को व्यवस्थित रखने में सहायक होता है। हमारे शरीर को जब भी कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है तो लिवर इसे निकाल देता है और शरीर अपनी जरूरत को पूरा कर लेता है। लेकिन जो भी अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में जमा होता है वह शरीर के लिए नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल हो जाता है। मेडिकल की भाषा में इस कोलेस्ट्रॉल को एलडीएल कहते हैं। एलडीएल हमारे शरीर के रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है, जिससे दिल और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। एलडीएल जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए डेयरी उत्पाद या अन्य फैट युक्त चीजों के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहे।
तनाव
अकसर अध्ययनों में इस बात का खुलासा होता है कि अत्यधिक तनाव या डिप्रेशन दिल के लिए घातक हो सकता है। ‘तनाव’ ह्रदय रोगों के लिए एक जिम्मेदार कारक है। इसलिए हमेशा प्रयास कीजिए की आपके अंदर तनाव की स्थिति न पैदा हो। तनावमुक्त रहने से हृदय रोगों का करीबन आधा खतरा टल जाता है। योग, व्ययायम, वॉकिंग आदि शाररिक गतिविधियों से भी तनाव को कम कर सकते हैं।
अकसर अध्ययनों में इस बात का खुलासा होता है कि अत्यधिक तनाव या डिप्रेशन दिल के लिए घातक हो सकता है। ‘तनाव’ ह्रदय रोगों के लिए एक जिम्मेदार कारक है। इसलिए हमेशा प्रयास कीजिए की आपके अंदर तनाव की स्थिति न पैदा हो। तनावमुक्त रहने से हृदय रोगों का करीबन आधा खतरा टल जाता है। योग, व्ययायम, वॉकिंग आदि शाररिक गतिविधियों से भी तनाव को कम कर सकते हैं।
रक्तचाप
रक्तचाप यानी कि ब्लडप्रेशर का बढ़ना और घटना दोनों ही चीज हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है। ब्लडप्रेशर के हाई हो जाने से हृदय को नुकसान पहुंचाता है। हाई ब्लडप्रेशर धड़कन को बढ़ा देता है, जिसके कारण दिल सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि आपके ब्लड प्रेशर का स्तर हमेशा 120 और 80 के अंदर ही रहे। हृदय स्वस्थ्य के लिए ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण बेहद जरूरी है।
रक्तचाप यानी कि ब्लडप्रेशर का बढ़ना और घटना दोनों ही चीज हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है। ब्लडप्रेशर के हाई हो जाने से हृदय को नुकसान पहुंचाता है। हाई ब्लडप्रेशर धड़कन को बढ़ा देता है, जिसके कारण दिल सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि आपके ब्लड प्रेशर का स्तर हमेशा 120 और 80 के अंदर ही रहे। हृदय स्वस्थ्य के लिए ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण बेहद जरूरी है।
वॉकिंग
खाना खाने के बाद टहलना सबको पसंद है। टहलने से न सिर्फ आपका मूड फ्रेश होता है बल्कि आपके खाएं को पचाने में भी सहायता मिलता है। हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको नियमित वॉक करनी चाहिए। अगर आपको पहले से ही सांस से जुड़ी कोई बीमारी है तो इतनी तेज गति से न टहलें कि आपकी सांस फूलने लग जाए। आपको सामान्य गति से ही टहलना चाहिए। ऐसा करने से आपका दिल हमेशा स्वस्थ रहेगा और आप हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति से दूर रहेंगे।
खाना खाने के बाद टहलना सबको पसंद है। टहलने से न सिर्फ आपका मूड फ्रेश होता है बल्कि आपके खाएं को पचाने में भी सहायता मिलता है। हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको नियमित वॉक करनी चाहिए। अगर आपको पहले से ही सांस से जुड़ी कोई बीमारी है तो इतनी तेज गति से न टहलें कि आपकी सांस फूलने लग जाए। आपको सामान्य गति से ही टहलना चाहिए। ऐसा करने से आपका दिल हमेशा स्वस्थ रहेगा और आप हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति से दूर रहेंगे।