
उत्तराखंड के लोग भले ही अपनी भाषा कुमाऊंनी- गढ़वाली-जौनसारी बोलने में शर्म महसूस करते हों, लेकिन गूगल ने उत्तराखंड की इन भाषाओं को अपने कीबोर्ड में जगह देकर हर उत्तराखंडी को गौरवान्वित किया है। यूं तो उत्तराखंड में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन मुख्य तीन भाषाएं सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं कुमाउँनी, गढ़वाली, और जौनसारी, इनमें से दो भाषाओं को गूगल ने खास उत्तराखंड के लोगो के लिए कीबोर्ड में जगह दी है, अब आप अपने मोबाइल फ़ोन पर कुमाउँनी और गढ़वाली भाषा डाऊनलोड कर सकते हैं। इन दिनों उत्तराखंड की संस्कृति और पहाड़ी भाषाओं को बचाने के लिए सोशल मीडिया में एक मुहिम सी छिड़ गई है इससे पहले भी पहाड़ी इमोजी की एप्स ईजाद की गयी थी जो गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाऊनलोड की जा सकती हैं।
अब गूगल ने अपने गो-कीबोर्ड मे कुमाउँनी और गढ़वाली भाषाओं को शामिल किया है। आजकल लोग मोबाइल फ़ोन पर अपनी क्षेत्रीय भाषाओं को ज़्यादा इस्तेमाल करने लगे है फेसबुक मैसेंजर हो या व्हाट्सएप अब आप बड़ी आसानी से पहाड़ी भाषाओं को अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन पर बिल्कुल हिंदी की तरह ही टाइप कर सकते हैं। उत्तराखंड की इन प्रमुख
गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषाओं की कीबोर्ड डाऊनलोड करने के लिए आपको गोकीबोर्ड ऐप के सेटिंग्स में जाना होगा, इसके याद आपको चूज कीबोर्ड का विकल्प मिलेगा, इसे सेलेक्ट करें और आपके सामने भाषाओं की एक पूरी लिस्ट आ जाएगी, इस लिस्ट में ही आपको गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा मिल जाएगी।
भाषा को सेलेक्ट करने के बाद आपको एड कीबोर्ड कीजिये,जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे,आपके कीबोर्ड में गढ़वाली या कुमाऊंनी कीबोर्ड भी जुड़ जाएगा, इसके बाद आप टाइप करते समय जैसे हिंदी और अंग्रेजी को टाइप करते है ठीक वैसे ही आप इन पहाड़ी भाषाओं को भी इस्तेमाल कर सकते हैं।