
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा सीआईएमएस, देहरादून में स्थापित किए गए यूसर्क एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर के अंतर्गत “प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पाॅन प्रोडक्शन एवं वर्मी कंपोस्ट” विषय पर आयोजित साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल सपामन हो गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जे. एम. एस. राणा ने यूसर्क की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को नई तकनीकों से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने कार्यक्षेत्र में लागू करें और अपने क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा दें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्लांट टिश्यू कल्चर जैसी तकनीकें गुणवत्तायुक्त पौध तैयार करने, फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय को दोगुना करने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। कार्यक्रम समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और कार्यक्रम के आयोजकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
जैव प्रौद्योगिकी, कृषि आधारित उद्यमिता एवं सतत विकास की दिशा में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित इस साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रयोगशाला में प्रत्यक्ष कार्य अनुभव प्रदान किए गए, एक्सपीरियंटल लर्निंग आधारित हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के दौरान विशेषज्ञों द्वारा टिश्यू कल्चर तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले मशरूम स्पॉन उत्पादन एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की विधियों पर विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण शिविर में उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, (ऋषिकेश) देहरादून जिलों से 25 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए यूसर्क का धन्यवाद अदा किया, और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश में जैव प्रौद्योगिकी, सतत कृषि एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम के दौरान एफआरआई, देहरादून की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका चौहान ने प्रशिक्षुओं को प्लांट टिश्यू कल्चर, टैक्जीन के सीनियर वैज्ञानिक प्रशांत कुमार चौधरी ने मशरूम स्पॉन उत्पादन, एनजीपी मृदा प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर गौरव सुयाल ने वर्मी कम्पोस्ट से संबंधित तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इन विषयों में संभावनाओं, तकनीकी चुनौतियों और समाधान पर गहराई से प्रकाश डाला। साथ ही प्रयोगशाला में प्रशिक्षणार्थियों को हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग कराई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीआईएमएस के अकादमिक निदेशक डॉ. एस. बी. जोशी, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ पैरामेडिक के प्रधानाचार्य डॉ. के. एस. नेगी, यूसर्क एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर सीआईएमएस एंड आर देहरादून केन्द्र समन्वयक डॉ. रंजीत कुमार सिंह, लैब सहायक कमल जोशी एवं सीआईएमएस के शिक्षक गण उपस्थित रहे।