भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े तत्वों में से एक है। यह बात देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहली वर्षगांंठ पर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों, शिक्षकों और छात्रों के साथ वर्चुअल संवाद के दौरान कही। उन्होंने कहा कि गांवों में भी अब प्ले स्कूल की सुविधा मिलेगी। अभी तक यह शहरों में सीमित है, साथ ही कहा कि इंजीनियरिंग कोर्स अब 11 भारतीय भाषाओं में होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ऐसे समय में आई है जब देश आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, इसमें जरूरत पड़ने पर छात्र बीच में ही विषय बदल सकेंगे।
ओबीसी आरक्षण का लिया फैसला-
केन्द्र सरकार ने अखिल भारतीय कोटा के तहत मेडिकल कॉलेजों के नामांकन में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए आरक्षण को मंजूर कर लिया है। अब अंडर ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट के सभी मेडिकल कॉलेज और डेंटल कॉलेजों में अखिल भारतीय कोटा योजना के तहत ओबीसी वर्ग के 27 प्रतिशत और ईडब्लूएस वर्ग के 10 प्रतिशत छात्रों को आरक्षण मिलेगा।
Our Government has taken a landmark decision for providing 27% reservation for OBCs and 10% reservation for Economically Weaker Section in the All India Quota Scheme for undergraduate and postgraduate medical/dental courses from the current academic year. https://t.co/gv2EygCZ7N
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2021
प्रधानमंत्री ने सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताया है, उन्होंने ट्वीट किया है हमारी सरकार ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में अंडर ग्रेजुएट और पोस्टग्रैजुएट मेडिकल, डेंटल कोर्स में ऑल इंडिया कोटे के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्लूएस) वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करे का ऐतिहासिक फैसला किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर साल इससे हमारे हजारों युवाओं को बेहतर अवसर प्राप्त करने के साथ ही यह देश में सामाजिक न्याय की एक नई मिसाल बनाएगा। वहीं केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि करीब 5550 छात्रों को सरकार के इस फैसले से फायदा होगा। मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि इस फैसले से एमबीबीएस में लगभग 1500 और पोस्टग्रैजुएट में 2500 ओबीसी छात्रों को हर साल इसका लाभ मिलेगा। वहीं ईडब्ल्यूएस वर्ग के लगभग 550 छात्रों को एमबीबीएस में जबकि 1000 छात्रों को पोस्टग्रैजुएट की पढ़ाई में लाभ होगा।