उत्तराखंड में जब कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी और कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हो तो सरकार ने एक फैसला लिया कि एक ऐसी दवा प्रदेश के हर व्यक्ति को दी जाई जिससे संक्रमण के प्रभाव पर को कम किया जा सके और मृत्यु दर को कम किया जा सके। इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने Ivermectin नामक दवा घर-घर पहुंचाने का फैसला लिया और अब यह दवा घर-घर बांटी जाने लगी है। क्या Ivermectin दवा कोरोना संक्रमण को खत्म कर देगी ? आखिर सरकार को क्यों यह दवाई घर-घर पहुंचाने का फैसला लेना पड़ा, और इस दवाई की कितनी डोज लोगों को दी जाएगी इन सब सवालों के जवाब दिए हैं हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हेम चन्द्र पांडे ने। डॉ. हेम चन्द्र पांडे कोविड-19 पर उत्तराखंड सरकार को तकनीकी सहायता व पॉलिसी बनाने वाली कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। इस कमेटी में अध्यक्ष के अलावा 13 अन्य सदस्य हैं।
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डॉ. हेम चन्द्र पांडे के बताया कि उत्तराखण्ड में कोरोना संक्रमण गांव-गांव तक फैल चुका है, प्रदेश के कई जिलों में पॉजिटिव रेट 40-50 तक पहुंच गया और मृत्यु दर भी बढ़ गई, जिसको देखते हुए फैसला लिया गया कि Ivermectin दवा घर-घर जाकर सभी लोगों को बांटी जाए। उन्होंने बताया कि यह दवा बिल्कुल सुरक्षित है, यदि आप वैक्सीनेशन ले रहे तब भी यह दवा लें और यदि आप कोरोना पॉजिटिव हैं तब भी यह दवा ले सकते हैं।
कितनी डोज लें-
डॉ. हेम चन्द्र पांडे ने बताया कि व्यस्क नागरिक Ivermectin 12 MG की एक गोली सुबह- शाम तीन दिन लें। 15 से 18 साल तक की उम्र वाले बच्चों को भी एक गोली सुबह- शाम 3 दिन तक दी जाएगी। वहीं 10 साल से 15 साल तक के बच्चों को 1 गोली रोजाना 3 दिन तक दी जाएगी। वहीं 10 साल से कम उम्र के बच्चों को डॉक्टर की सलाह से यह दवाई दी जा सकती है। गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवाई नहीं दी जाएगी। डॉ. पांडे ने लोगों से अपील की है कि वह इस दवाई को लें और दूसरों को भी लेने के लिए प्रेरित करें। जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से यह दवा घर-घर पहुंचाई जाएगी।