उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और अन्य के खिलाफ महिला अधिवक्ता की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 323, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अधिवक्ता के खिलाफ हाईकोर्ट की ही महिला अधिवक्ता ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में नैनीताल की मल्लीताल कोतवाली में तहरीर दी थी।
मामले के अनुसार नैनीताल में 17 जनवरी को हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता ने अपने सीनियर अधिवक्ता पर आरोप लगाया था कि शादी का झांसा देकर सीनियर अधिवक्ता ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और अब वो शादी से इनकार कर रहा है, इतना ही नहीं पीड़िता को अब जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। थाने में दोनों को दो दिन का समय दिया था कि आपसी सुलह कर लीजिए लेकिन दोनों ही पक्षो में सुलह नहीं हो पाई जिसके बाद महिला अधिवक्ता की तहरीर पर आरोपित अधिवक्ता के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर लिया गया है।
महिला अधिवक्ता अल्मोड़ा जिले के एक गांव की रहने वाली है और आरोपित सीनियर अधिवक्ता के पिता भी हाईकोर्ट में ही वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी रह चुके हैं और जिला जज के पद से रिटायर्ड है, पीड़ित महिला ने अपनी तहरीर में आरोपी अधिवक्ता के पिता का भी ज़िक्र किया है कि आरोपी के पिता ने ही 2016 में अपने पुत्र अरुण प्रताप के साथ प्रैक्टिस करने का प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद 2017 में पीड़ित महिला ने देहरादून निवासी अरुण प्रताप साह के साथ प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी, 6 महीने बाद ही अरुण ने महिला अधिवक्ता को शादी का प्रस्ताव दिया, और शादी के नाम पर धोखे से कई बार शारीरिक संबंध बनाए,एक बार शादी के नाम पर दहेज की भी मांग की, पीड़ित महिला ने जब दहेज देने से इनकार कर दिया तब आरोपी अधिवक्ता ने शादी के लिए परिजनों की सहमति नहीं है कह कर शादी के लिए मना कर दिया,तीन दिन पहले भी जब महिला ने शादी के लिए फिर कहा तो सीनियर अधिवक्ता ने महिला के साथ मारपीट की।
मामले में एसएसआई कश्मीर सिंह ने बताया कि आरोपित अधिवक्ता से दो दिन में आपसी सुलह करने को कहा था लेकिन सुलह नहीं हो पाई जिसके बाद महिला की तहरीर पर आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच उप निरीक्षक सोनू बाफिला को सौंप दी गयी है।