उत्तराखण्ड सरकार ने भले ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश में कटौती कर दी है। लेकिन दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को सरकारी स्कूलों के लिए शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी है। जिसके तहत 1 से 15 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान ऑनलाइन पठन-पाठन का भी बंद रहेगा।
वहीं उत्तराखण्ड की बात की जाए तो शिक्षा सचिव ने शीतकालीन अवकाश समाप्त करने के आदेश के बाद से ही शिक्षक इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। और इसके समाधान के लिए शिक्षा मंत्री से भी मिल चुके हैं। वहीं इस विवाद के बीच शिक्षा मंत्री अरविं पांडे ने कहा है कि यदि किसी क्षेत्र में मौसम प्रतिकूल होता है तो वहां अवकाश का अधिकार डीएम को दिया गया है।
वहीं दिल्ली में शीतकालीन अवकाश के लेकर जो आदेश जारी किए गए हैं, उनमें साफ कहा गया है कि अवकाश की अवधि में कक्षा 6 से 12 वीं तक के छात्रों का शैक्षिक स्तर व अकादमिक प्रदर्शन सुधारने के लिए स्कूल प्रमुखों को काम करना होगा। वहीं छात्रो में पठन-पाठन की आदत बनाए रखने को सभी प्राचार्यों को यह तय करने के निर्देश दिए गए हैं कि वे छुट्टियों में छात्रों को अधिक गृह कार्य दें। जिसे छात्रों को 20 जनवरी तक अपने कक्षा अध्यापक को ऑडियो, वीडियो, पिक्चर व लिखित रूप में जमा कराना होगा।