नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर सत्ता के अहंकार में होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी के संकट में देश के प्रधानमंत्री सभी दलों को विश्वास में लेकर काम रहे हैं, और विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही सभी मुख्यमंत्रियों से भी बात कर रहे हैं।
लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विपक्ष को विश्वास में लिए ही फैसले ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में हर कोई राज्य सरकार के साथ खड़ा है, मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से विधायक निधि से 15 लाख अपने जिले के सीएमओ को देने को कहे थे, हमारे कई विधायकों ने इससे अधिक राशि रिलीज की है। लेकिन सरकार विपक्ष को विश्वास में लिए बगैर कोई भी फैसला ले रही है। उन्होंने कहा कि विधायकों की विधायक निधि व वेतन का कुछ हिस्सा काट लिया गया लेकिन विपक्ष से इस बारे में कोई चर्चा नहीं की गई।
इन्द्रा ह्रयदेश ने कहा कि विपक्ष संकट की इस घड़ी में सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है, लेकिन प्रदेश के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री का भी फर्ज बनता है कि वह विपक्ष को भी विश्वास में ले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ना तो कांग्रेस प्रदेश से इस बारे में अभी तक कोई बात की है और ना ही नेता प्रतिपक्ष के पास कोई फोन आया।