आजादी के बाद पहली बार कोई जिलाधिकारी धारी ब्लाक के बबियाड़ ग्रामसभा के दुर्गम गांव बिरसिंग्या पहुंचा तो गांव में मेले जैसा माहौल बन गया। जी हां मंगलवार को नैनीताल जिलाधिकारी सविन बंसल आठ किमी पैदल चलकर बिरसिंग्या गांव पहुंचे।
डीएम को सामने पाकर ग्रामीणों ने उनके सामने शिकायतों का अंबार लगा दिया, पूर्व माध्यमिक स्कूल बिरसिंग्यां में आयोजित जनता दरबार में डीएम सविन बंसल ग्रामीणों से सीधे मुखातिब हुए। ग्रामीणों ने कहा कि आशा वर्कर नियमित नहीं आती। इस पर डीएम ने डॉ. बलबीर सिंह और प्रभारी चिकित्सक ब्लाक (एमओआईसी) से रिपोर्ट तलब की। जानकारी सही पाए जाने पर आशा वर्कर को तत्काल हटाने के आदेश दिए। उन्होेंने कहा कि यदि आशा और एएनएम नियमित टीकाकरण के लिए बिरसिंग्या नहीं आएं तो एमओआईसी को प्रतिमाह टीकाकरण के लिए लगाया जाएगा।
डीएम ने वहां पहुंचकर गांव को कई सौगातें भी दी-
बिरसिंग्या में दुग्ध समिति भवन जिला योजना से बनाने की मंजूरी।
शौचालय निर्माण होने के बाद भी भुगतान न होने की शिकायत पर स्वजल अधिकारियोें की जांच टीम गठित कर जांच करने को कहा।
बिरसिंग्या स्कूल में प्राथमिकता के आधार पर शिक्षक दिया जाएगा। बच्चों के खेलने के लिए खेल मैदान बनाया जाएगा।
महिला समूहों के गठन के लिए महिलाओं को प्रेरित किया।
दुदली, बबियाड मे प्रमाण पत्र और पेंशन प्रकरणों का सत्यापन और सुधार कार्य मौके पर ही किया जाएगा।
राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिरसिंग्या की चाहरदीवारी बनाने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी से तीन दिन में प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा।
स्कूल में मिड-डे मील बनाने के लिए गैस संयोजन के लिए सात हजार रुपये देने की घोषणा।
बिरसिंग्या गांव में पहली बार डीएम के आने की भनक लगते ही बुजुर्ग पहुंचे तो उनकी जुबां पर एक ही मांग नजर आई और वह थी बिरसिंग्या सड़क की। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि उनके जीते जी अगर सड़क बन जाए तो अच्छा होता। डीएम ने भी उन्हें निराश नहीं किया। कहा कि अगली बार सड़क मार्ग से ही गांव पहुंचकर जनता दरबार लगाएंगे। जनता दरबार के बाद डीएम सविन बंसल और सीडीओ विनीत कुमार ने स्कूल में ही दाल-भात खाया।