विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्यकाल की पहली कैग रिपोर्ट पेश की गई रिपोर्ट में साफ कहा गया कि जहां साल 2016-17 में राजस्व घाटा 383 करोड़ था। वहीं साल 2017-18 में यह 1978 करोड़ रुपये हो गया है।कांग्रेस ने रिपोर्ट को लेकर सरकार पर हमला किया तो वहीं सीएजी की रिपोर्ट आने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा बयान दिया है, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है मैं व्यक्तिगत तौर पर इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा हूं, और सीएजी रिपोर्ट के अनुसार जिस किसी ने भी गड़बड़ी की है उसको बख्शा नहीं जाएगा। उत्तराखंड में सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार 2271 करोड़ की वित्तीय अनियमितता पाई गई है वित्तीय अनियमितता के कारण सरकार को करोड़ों की चपत लगी है।मुख्य रूप से वन, समाज कल्याण और खाद्य विभाग की योजनाओं में भारी गड़बड़ी सामने आयी है, समाज कल्याण विभाग द्वारा मृतकों के नाम भी वृद्धावस्था पेंशन जारी की जाती रही, जबकि हजारों पेंशनरों का करोड़ों का एरियर लटकाया। डयूटी से गायब रहे डाक्टरों ने करार भंग किया, फिर भी उनसे नहीं वसूली गई करोड़ों की धनराशि, 149 करोड़ से अधिक की धनराशि का चावल जरूरत से ज्यादा खरीदकर राजस्व को हानि पहुंचाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह स्वंय इस रिपोर्ट का अवलोकन करेंगे,अब देखना होगा की मुख्यमंत्री कब तक कैग की रिपोर्ट का अवलोकन कर पाते हैं और गड़बड करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं।