प्रदेश सरकार अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए नई खनन नीति में कड़े कदम उठाएगी। क्रेशर का लाइसेंस उसी को दिया जाएगा, जिसके पास खनन का पट्टा है। मौजूदा प्रावधानों के तहत बिना खनन पट्टे के क्रशर का लाइसेंस जारी हो रहा है, जिससे धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है।
इसके अलावा नई नीति में आवंटित पट्टे से 80 प्रतिशत खनन नहीं होने की स्थिति में उसे निरस्त कर दिया जाएगा। प्रदेश सरकार का खनन से राजस्व नहीं बढ़ रहा है, जिसके लिए अवैध खनन को सबसे बड़ा कारण माना गया है।
खनन नीति में मौजूद प्रावधानों से खनन माफिया पर नकेल कसने में कामयाबी नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खनन विभाग की समीक्षा के दौरान खनन से होने वाले राजस्व को दोगुना करने के निर्देश दिये।