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उत्तराखंड : आज से ट्रैफिक रूल्स तोड़ना पड़ेगा महंगा, जानिए नए नियम

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ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने की आदत नहीं है तो इस आदत को आज ही बदल लीजिए, क्योंकि प्रदेश में ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी आज से महंगी पड़ेगी। परिवहन विभाग ने कंपाउंडिंग (प्रशमन) की नई दरें लागू कर दी हैं। नए एमवी एक्ट की 35 धाराओं के तहत जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कंपाउंडिंग की नई दरों को मंजूरी मिलने के साथ ही परिवहन सचिव ने अधिसूचना जारी कर दी है। चलिए अब आपको बताते हैं कि कौन सा ट्रैफिक रूल तोड़ने पर कितना जुर्माना भरना पड़ेगा। प्रदूषण जांच संबंधी अपराध की नई दर एक नवंबर से लागू होगी। पहली बार पकड़े जाने पर ढाई हजार और दूसरी बार पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये बतौर जुर्माना भरना पड़ेगा। छोटे बच्चों की सुरक्षा के उद्देश्य से सेफ्टी बेल्ट का प्रावधान किया गया है। इसकी अनदेखी करने पर एक हजार रुपये कंपाउंड शुल्क वसूला जाएगा। हालांकि राहत वाली बात ये है कि फिलहाल इस अपराध में कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा। क्योंकि नई दरें एक नवंबर से लागू होंगी। यानि इससे पहले बच्चों को सीट बेल्ट लगाने की आदत अपना लें।

गाड़ी का इंश्योरेंस भी करवा लें। क्योंकि अगर वाहन का इंश्योरेंस नहीं पाया गया तो एक हजार रुपये से 4000 रुपये तक जुर्माना लगेगा। ये रूल अधिसूचना जारी होने के साथ ही लागू हो गया है। दुपहिया और तिपहिया वाहनों से पहली बार हजार रुपये और दूसरी बार पकड़े जाने पर दो हजार रुपये वसूले जाएंगे। जबकी कारों और दूसरे वाहनों से इंश्योरेंस ना मिलने पर पहली बार में दो हजार रुपये और दूसरी बार पकड़े जाने पर चार हजार रुपये का जुर्माना लिया जाएगा। गाड़ी चलाते वक्त फोन पर बतियाते हैं, तो मोबाइल को जितना हो सके इग्नोर करने की आदत डाल लें। क्योंकि गाड़ी चलाते वक्त अगर कोई मोबाइल पर बात करता पकड़ा गया तो उससे हजार रुपये से 5 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा। हेलमेट नहीं पहना तो एक हजार रुपये बतौर फाइन जमा करना होगा। तीन महीने के लिए लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड या इमरजेंसी वाहन को रास्ता नहीं दिया तो पांच हजार, सीट बेल्ट ना पहनने पर हजार रुपये, अनावश्यक हॉर्न बजाने पर हजार से दो हजार रुपये फाइन भरना होगा। स्टंट, रेस या ट्रायल करते पकड़े जाने पर पांच से दस हजार रुपये फाइन वसूला जाएगा। परिवहन विभाग के ग्रेड एक और उनसे ऊपर के सभी अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस विभाग के अधिकारी भी अगस्त 2016 को जारी अधिसूचना के तहत कंपाउंडिंग की कार्रवाई कर सकेंगे।