अटल आयुष्मान योजना में जल्द ही कार्ड धारकों को आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा में इलाज की सुविधा भी मिल सकेगी। वर्तमान में योजना के तहत कार्ड धारकों को सिर्फ ऐलोपैथिक से इलाज कराने की सुविधा है।
जो मरीज आयुर्वेद, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से बीमारी का इलाज करना चाहते हैं, उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। क्योंकि इलाज की ये पद्धतियां योजना के तहत सूचीबद्ध नहीं हैं।
प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना लागू होने के एक साल 23 सितंबर को पूरे हो जाएंगे। योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारकों को ऐलोपैथिक पद्धति से इलाज की सुविधा मिल रही है। योजना में देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी को शामिल करने की मांग लंबे समय से उठ रही है।
अब आयुष मंत्रालय ने आयुष्मान योजना में देश भर में चार हजार से अधिक हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। दिसंबर माह तक सभी राज्यों में सेंटर स्थापित होने के बाद आयुष्मान कार्ड धारकों को आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा में इलाज की सुविधा मिलेगी। आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कई बार आयुर्वेद और होम्योपैथिक को भी आयुष्मान योजना में शामिल करने के लिए केंद्र के समक्ष मामला उठाया था।
मरीजों को मिलेगा सभी चिकित्सा पद्धति का लाभ
एमडी होम्योपैथिक चिकित्सा डॉ. शैलेंद्र पांडेय का कहना है कि आयुष्मान योजना में होम्योपैथिक चिकित्सा को शामिल करने से मरीजों को काफी लाभ होगा। डब्ल्यूएचओ ने माना है कि विश्व में एलोपैथिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा पद्धति होम्योपैथिक है।
प्रदेश में एक साल में 13 लाख से अधिक मरीजों ने होम्योपैथिक से इलाज कराया। खास बात ये है कि होम्योपैथिक इलाज सस्ता, सुलभ और नुकसानदायक नहीं है। असाध्य रोगों से ग्रसित मरीज होम्योपैथिक चिकित्सा से ठीक हो रहे हैं।