नई दिल्ली : आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के लिये अंतरिम जमानत के आग्रह पर विचार करने के निचली अदालत को आदेश के चंद घंटों बाद ही शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर इसमें संशोधन कर दिया। न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल के अनुरोध पर विचार किया गया है और इस मामले में अब गुरुवार की जगह मंगलवार को सुनवाई की जायेगी।
भोजनावकाश के बाद मेहता पीठ के समक्ष पेश हुए और कहा कि दिन में पारित किए गए आदेश को लागू करने में अधिकार क्षेत्र की दिक्कतें आएंगी। मेहता के कथन का संज्ञान लेते हुये पीठ ने कहा कि सीबीआई निचली अदालत से चिदंबरम को मंगलवार तक पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध करने के लिये स्वतंत्र है। पीठ ने कहा कि वह चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद में उन्हें हिरासत में देने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर पांच सितंबर की जगह तीन सितंबर को सुनवाई करेगी।
भोजन से पहले के सत्र में शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अंतरिम जमानत देने के आग्रह पर आज ही विचार करे। इससे पहले चिदंबरम ने न्यायालय से कहा कि उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाये बल्कि घर में ही नजरबंद कर दिया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि निचली अदालत सोमवार को ही चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि और तीन दिन के लिए बढ़ा दी जाएगी।
पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह निचली अदालत द्वारा चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद में उन्हें जांच ब्यूरो की हिरासत में देने के आदेश को चुनौती देने के मामले में अपना जवाब दाखिल करे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि आज खत्म हो रही है और उन्हें दिन में संबंधित निचली अदालत में पेश किया जाएगा।
इससे पहले अदालत ने कहा था कि चिदंबरम को अंतरिम सुरक्षा लेने के लिए संबंधित अदालत में जाना चाहिए। न्यायालय ने निचली अदालत से आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त अंतरिम जमानत याचिका पर विचार करने को कहा। साथ ही आदेश दिया कि उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा और यदि निचली अदालत उनकी जमानत याचिका खारिज कर देती है तो उनकी सीबीआई हिरासत को पांच सितंबर के लिए बढ़ा दिया जाएगा। बता दे कि सोमवार को चिदंबरम की सीबीआई रिमांड खत्म हो रही है।
चिंदबरम की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उनकी पुलिस रिमांड और गैर-जमानती वारंट जारी करने के खिलाफ सुनवाई के दौरान कहा कि वह 74 साल के बुजुर्ग व्यक्ति हैं। इसलिए उन्हें नजरबंद रखा जाए। इससे किसी को क्षति नहीं पहुंचेगी। जिसके बाद अदालत ने पी चिदंबरम को अंतरिम सुरक्षा के लिए निचली अदालत जाने को कहा। अदालत ने 20 अगस्त को उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही ईडी भी पूछताछ से संबंधित दस्तावेज शीर्ष अदालत की बेंच को सौंप चुका है।
इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व वित्त मंत्री को दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। चिदंबरम ने वकील अजय कुमार को बताया था कि सीबीआई अफसर मुझे तीन फाइलें बार-बार दिखाते रहते हैं। उनके पास मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कोई भी दस्तावेज नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी।