वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक की। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, बैठक में बैंकों को रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती के बराबर लाभ ग्राहकों को देने को कहा गया। बैंक ब्याज दर में इसके मुताबिक कमी पर विचार करने को राजी भी हो गए हैं।
आरबीआई दिसंबर 2018 से ब्याज दर में 0.75 फीसदी की कटौती कर चुका है, लेकिन बैंकों ने महज 0.15 से 0.20 फीसदी की कटौती ही ब्याज दरों में कमी की है। रिजर्व बैंक सोमवार से शुरू मौद्रिक नीति में भी ब्याज दर घटाने का फैसला हो सकता है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि कर्ज वितरण में वृद्धि, एमएसएमई, ऑटोमोबाइल जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक में डिजिटल भुगतान को और सस्ता बनाने पर भी विचार हुआ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक(एफपीआई) पर अधिभार और सार्वजनिक शेयरधारिता को 25 से 30% करने के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा, मैं उनकी बात सुनने को तैयार हूं। आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती एफपीआई के प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। सेबी शेयरधारिता के मुद्दे पर पक्षों से बात कर रहा है। एफपीआई ने इस महीने की एक और दो तारीख को ऋण और शेयर बाजारों से 2,881.10 करोड़ रुपये की निकासी की है।
घर खरीदारों पर यूपी सरकार से बात हुई : सीतारमण
घर खरीदारों की दिक्कतों पर वित्त मंत्री ने कहा कि हम यूपी सरकार और शहरी विकास मंत्रालय से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक बड़ी रियल्टी कंपनी पर कोर्ट का फैसला आ चुका है। जबकि अन्य संकटग्रस्त डेवलपरों के बारे में मंत्रियों का समूह नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण और यूपी सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहा है। केंद्रीय आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बैंकिंग, राजस्व और कंपनी मामलों के सचिव भी समाधान निकालने में जुटे हैं।