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उत्तराखंड में 25 से 30 फीसदी बढ़ेंगे जमीन के सर्किल रेट, यहां पढ़ें क्षेत्रों की लिस्ट…

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प्रदेश में कृषि भूमि के सर्किल रेट में 25 से 30 फीसदी बढ़ोतरी होगी। कृषि के अलावा अकृषि और व्यावसायिक भूमि के सर्किल रेट भी बढ़ेंगे। इसके लिए स्टांप एवं रजिस्ट्रीकरण विभाग ने नई दरों का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। पूरी संभावना है कि मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में सरकार नए रेट पर मुहर लगा देगी। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में तेजी से आवासीय व अन्य विकास कार्यों की गतिविधियां बढ़ रही हैं, वहां सर्वाधिक बढ़ोतरी होगी।

प्रदेश में कृषि, अकृषि और व्यावसायिक भूमि की दरों में एकरूपता लाने के लिए सरकार सर्किल रेट बढ़ाने जा रही है। प्रदेश के सभी जनपदों में क्षेत्र की उपयोगिता के आधार पर सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। देहरादून शहर में रायपुर स्थित स्टेडियम के आसपास में तेजी से आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र में कृषि भूमि का सर्किल रेट 75 लाख प्रति हेक्टेयर है।

इसे बढ़ा कर एक करोड़ तक किया जा सकता है। बिहारीगढ़-बुग्गा वाला और भगवानपुर-बहादराबाद मार्ग के आसपास के क्षेत्रों में भी कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ सकते हैं। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कृषि, अकृषि और व्यावसायिक भूमि के सर्किल रेट में भारी अंतर है। ऐसे क्षेत्रों में सर्किल रेट में समानता लाने के लिए विभाग ने दरें बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। आगामी कैबिनेट में सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

प्रमुख क्षेत्र जहां बढ़ेंगे सर्किल रेट
– देहरादून जिले के रायपुर क्षेत्र में भड़ासी ग्रांट, भोपालपानी, सोडा सरोली, मंजरी वाला, जगातखाना, मकरैली, रखौली में कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ेंगे।
– हरर्बटपुर क्षेत्र में अकृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ेंगे।
– रुद्रपुर में गंगापुर-नगला रोड स्थित फुलसंगी में कृषि, किच्छा-महाराणा प्रताप रोड पर अकृषि भूमि के रेट बढ़ेंगे।
– हल्द्वानी में सहकारी बैंक से नवीन मंडी तक कृषि भूमि के सर्किल रेट में बढ़ोतरी की जाएगी।
– हरिद्वार और रुड़की के बीच सीमा पर और आसपास के कुछ क्षेत्रों में।
– टिहरी जनपद के चंबा-चोपड़ियाल सड़क में कृषि, गजा-राणाकोट सड़क पर अकृषि भूमि के रेट बढ़ेंगे।
– उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड़, चमोली जिला में गडोरा, बाटला, रुद्रप्रयाग में मल्यासू मल्ला, तल्ला में भी सर्किल रेट बढ़ सकते हैं।
– अल्मोड़ा में सल्ट, भौंणखाल, मसरौंण, बागेश्वर में घटबगड़, मतरौला, सैंज, पिथौरागढ़ में डीडीघाट, कुमल्टा, टिकोट, मलान पिपली गांव।
– चंपावत, मल्ली, मंदाली, मांज गांव में कृषि, अकृषि व व्यावसायिक भूमि का सर्किल रेट बढ़ाए जा सकते हैं।

सरकार का बढ़ेगा राजस्व
यदि कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है तो उसे स्टांप शुल्क के रूप में जमीन की कीमत का पांच प्रतिशत देना होता है। साथ ही दो प्रतिशत या अधिकतम 25 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन फीस अलग से देनी होती है। वर्ष 2018-19 में सरकार को स्टांप व रजिस्ट्री शुल्क से 1135 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। सर्किल रेट बढ़ने से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।

किसी भी क्षेत्र का देख सकेंगे सर्किल रेट
इसके लिए स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट www.eregistration.uk.gov.in पर लॉग इन करना होगा। जिसके बाद सर्किट रेट ऑन जीआईएस पर क्लिक कर जिले का चयनकरना होगा। फिर तहसील के विकल्प का चयन कर संबंधित क्षेत्र व गांव के नाम पर क्लिक कर सर्किल रेट देखा जा सकेगा।

इस वेबसाइट को राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ने तैयार किया है। जिसमें प्रदेश के सभी जिलों का जीआईसी मैपिंग के जरिये डाटा फीड किया गया है। अलग-अलग रंगों के सूचकांक से कोई भी व्यक्ति आसानी से प्रदेश के किसी भी क्षेत्र का सर्किल रेट आसानी से जान सकेगा।