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उत्तराखंड : 7 जिलों में जल्द खुलेंगे 9 फायर स्टेशन…

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09 February 2010 Marsh Mills Plymouth

इस वक्त उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं, हर जगह से जंगलों में आग लगने की खबरे आ रही हैं। वन विभाग कोशिश तो कर रहा है, लेकिन संसाधन सीमित हैं, यही वजह है कि जंगल बच नहीं रहे…उम्मीद है भविष्य में ऐसा नहीं होगा। उत्तराखंड में आगजनी या ऐसी ही दूसरी आपात स्थितियों में समय रहते मदद मिल पाएगी। अग्निकांडों पर काबू पाना संभव होगा। क्योंकि प्रदेश के 7 जिलों में फायर स्टेशन खोलने के फैसले को शासन की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। शासन ने नौ फायर स्टेशन यूनिट स्थापित करने के आदेश जारी किए हैं। ये जनहित में लिया गया बड़ा फैसला है। साल 2012 से राज्य में नए फायर स्टेशन बनाए जाने की मांग की जा रही थी। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में कई बार शासन को प्रस्ताव भी भेजा, पर कभी बजट तो कभी संसाधनों की कमी की वजह से इस पर फैसला नहीं हो सका।

पिछले साल 14 मार्च को पुलिस मुख्यालय ने शासन को 9 जिलों में 11 फायर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव भेजा था। इनके परीक्षण में 7 जिलों में फायर स्टेशन संबंधी मानक पूरे पाए गए, जिसके बाद शासन ने फायर स्टेशन खोलने की अनुमति दे दी। चलिए अब आपको बताते हैं कि नए फायर स्टेशन कहां बनेंगे। देहरादून जिले के डोईवाला और त्यूणी, पौड़ी जिले के श्रीनगर और थलीसैंण, टिहरी के घनसाली और चमोली जिले के बदरीनाथ धाम में फायर स्टेशन बनाने को मंजूरी मिली है। इसी तरह पिथौरागढ़ के डीडीहाट, ऊधमसिंहनगर में बाजपुर और हरिद्वार के भगवानपुर में फायर स्टेशन बनेंगे। इसके साथ ही एक और अच्छी खबर है। बेरोजगार युवाओं को जल्द ही फायर सर्विस में जॉब पाने का मौका मिलेगा। फायर सर्विस में 343 खाली पदों पर जल्द ही सिपाहियों की भर्ती होगी।

सिपाहियों की भर्ती के लिए शासन की अनुमति मिलने का इंतजार है। साथ ही 18 पदों को आउटसोर्स के जरिए भरा जाना है। आपको बता दें कि सूबे के 13 जिलों में 35 फायर स्टेशन हैं, जिनमें 253 पद सालों से खाली हैं। अब नए फायर स्टेशनों के लिए भी 90 पद स्वीकृत किए गए हैं। यानि अब कुल 343 पदों पर युवाओं की भर्ती की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया से लीडिंग फायरमैन, फायर सर्विस चालक, फायर मैन के पद भरे जाएंगे। आईजी कार्मिक जीएस मार्तोलिया ने कहा कि नए फायर स्टेशन बनने से आगजनी जैसी आपदा से निपटने में मदद मिलेगी। पुलिस मुख्यालय ने स्थायी भवन और कर्मचारियों की व्यवस्था होने तक मौजूदा संसाधनों और कार्मिकों से काम लेने के निर्देश दिए हैं। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड के लिए ये शानदार खबर है।