देहरादून : आइएसबीटी पर वाईशेप फ्लाईओवर की सेफ्टी की जांच रिपोर्ट को अधिकारी दबा कर बैठ गए। दैनिक जागरण में यह मामला उजागर होने के बाद ही शासन हरकत में आया।
फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले भी दैनिक जागरण ने इसकी तकनीकी खामियों को उजागर किया था। उसी दौरान लोनिवि की एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की विंग ने इसका सेफ्टी ऑडिट कराया। इसमें भी फ्लाईओवर की कई तकनीकी खामियों पर चोट की गई। रिपोर्ट में अधिकारियों की कार्यप्रणाली उजागर हो रही थी, लिहाजा इसे दबा दिया गया।
हालांकि, जब जागरण ने फ्लाईओवर पर सुरक्षा के नाम पर स्प्रिंग पोस्ट लगाने से और पेचीदा हुए हालात पर उद्घाटन से पहले और उसके बाद भी खबर प्रकाशित की तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने स्वयं इसका संज्ञान लिया। इसके बाद दो स्तरीय जांच कराने का निर्णय लिया गया। अन्यथा अधिकारी इस पूरे गड़बड़झाले को ही दबा बैठते।
ताजा जांच के परिणाम आने में अभी समय लगेगा। लिहाजा नजर डालते हैं उस रोड सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट पर जिसे एडीबी के अधिकारियों ने तैयार किया। अधिकारियों ने टीम ने वाईशेप के फ्लाईओवर का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि नया फ्लाईओवर का जो हिस्सा पुराने फ्लाईओवर पर मिल रहा है, उसका एंगल तकनीकी रूप से सही नहीं है।
सेफ्टी ऑडिट करने वाले अधिकारियों का मानना है कि नया फ्लाईओवर जहां पर पर मिल रहा है, उसे करीब 40-50 मीटर आगे जाकर मिलाना चाहिए था। इससे दोनों फ्लाईओवर के वाहन अधिक पैने ‘वी’ शेप में मिलने की जगह करीब समानांतर ढंग से मिलने चाहिए थे।
इसके अलावा नए फ्लाईओवर की सीमित चौड़ाई पर भी सवाल उठाए गए। सेफ्टी ऑडिट टीम ने फ्लाईओवर में सुधार के लिए शॉर्ट, मीडियम व लॉन्ग टर्म के समाधान सुझाए थे। बेहतर होता कि अधिकारी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर बताते कि शॉर्ट टर्म (सूक्ष्म अवधि) में क्या काम करेंगे और फिर भविष्य में फ्लाईओवर की तकनीकी खामी को किस रूप में दुरुस्त किया जाएगा।
ऐसा करने की जगह अधिकारियों ने सुरक्षा के नाम पर पुराने फ्लाईओवर की एक लेन के करीब 20 मीटर हिस्से को संकरा बनाकर उस पर स्प्रिंग पोस्ट लगा दिए। यही वह हिस्सा है, जहां पर नया फ्लाईओवर मिल रहा है। यहां की स्थिति देखी जाए तो बड़े हिस्से को घेरकर एक त्रिभुजाकार ढांचा बना दिया गया है और इससे फ्लाईओवर की काफी जगह बेवजह खत्म कर दी गई।
जितना संभव था, उतने किए गए सुरक्षा के उपाय
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता व विभागाध्यक्ष हरिओम शर्मा के मुताबिक, सेफ्टी ऑडिट के आधार पर जितना संभव था, सुरक्षा के उपाय किए गए। अब शासन ने जांच समिति का गठन कर दिया है। जो भी संस्तुति जांच समिति करेगी, उसके मुताबिक आगे के काम किए जाएंगे।
आइएसबीटी फ्लाईओवर व हरिद्वार के पुलों की होगी जांच
शासन ने देहरादून के आइएसबीटी पर नवनिर्मित वाईशेप फ्लाईओवर की खामियों और हरिद्वार के तेलपुरा तथा बुल्लावाला पुल के पिलरों पर आई दरार के मामले में ‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लिया है। शासन ने देहरादून के फ्लाई ओवर और हरिद्वार के पुलों की जांच के निर्देश दिए हैं।\दोनों जांच लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव एवं लोनिवि के मुख्य अभियंता (मुख्यालय) को सौंपी गई है। ये अधिकारी इन की जांच कर कार्य के सैंपल श्रीराम इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली को सौंपेगे, जो इन सैंपलों की गुणवत्ता की जांच करेगा।
‘दैनिक जागरण’ ने आइएसबीटी देहरादून के वाईशेप फ्लाईओवर उद्घाटन से पहले इसकी तकनीकी खामियों का खुलासा किया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दो रोज पहले सोमवार को इस फ्लाईओवर का उद्घाटन किया था। यही नहीं, हरिद्वार के तेलपुरा और बुल्लावाला के दो पुलों के पिलरों में आई दरारों की तरफ जागरण ने सरकार का ध्यान इंगित किया था।
इन पुलों को बने मात्र तीन वर्ष ही हुए हैं। इसका संज्ञान लेते हुए शासन ने इन तीनों मामलों की संयुक्त जांच के निर्देश दिए हैं। यह जांच अपर सचिव लोक निर्माण विभाग प्रदीप रावत और मुख्य अभियंता अयाज अहमद को सौंपी गई है। जांच के दौरान जो भी सैंपल लिए जाएंगे, उन्हें सील कर उन पर संबंधित कनिष्ठ अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंताओं के हस्ताक्षर लिए जाएंगे और जो रिपोर्ट तैयार होगी उन पर भी इन अभियंताओं के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। शासन ने दोनों अधिकारियों से तत्काल इस जांच को शुरू कर जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
देहरादून आइएसबीटी फ्लाईओवर के संबंध में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग ओमप्रकाश ने बताया कि श्रीराम इंस्टीट्यूट यह भी देखेगा कि फ्लाईओवर का ढांचा मानकों के अनुसार बना है या नहीं। उन्होंने कहा कि इस फ्लाईओवर पर यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस, प्रशासन व लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम बनाकर इसका निरीक्षण कर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
जागरण ने तोड़ी तंत्र की नींद
जन सरोकारों को लेकर ‘दैनिक जागरण’ हमेशा से सजग रहा है। तमाम माध्यमों से जागरण जनमुद्दों के साथ ही निर्माण योजनाओं की खामियों को भी उजागर करता आया है। इसी कड़ी में हमने आइएसबीटी के पास बनाए गए वाईशेप फ्लाईओवर की तकनीकी खामियों की तरफ सरकारी मशीनरी का ध्यान दिलाया था।
उद्घाटन के दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन खामियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे गंभीरता से लेने की बात कही थी। जन सरोकारों की मुहिम के तहत ही जागरण ने हरिद्वार के तेलपुरा और बुल्लावाला के पुलों की दरारों से खतरों के प्रति तंत्र को आगाह किया था। इसी के बाद तंत्र की नींद टूटी। जागरण आगे भी अपने इस दायित्व को निभाता रहेगा।