पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर अपनी काशी को सौगात देने अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी समेत पूरे हिंदू धर्मावलंबियों को बड़ा तोहफा भी दिया। पीएम मोदी ने विश्वनाथ धाम कारिडोर के लिए भूमि पूजन भी किया। प्रधानमंत्री के शिलान्यास करते ही लगभग चालीस हजार वर्ग मीटर में बाबा दरबार से लेकर गंगा किनारे तक कारिडोर का निर्माण कार्य शुरू हो गया।
काशी विश्वनाथ परिसर के पास सभास्थल पर लोगों को संबोधित करने के बाद रेड जोन में मंदिर दफ्तर के पास ही भूमि पूजन कर काशी की प्राचीन वैदिक रीति से सस्वर वेद मंत्रों के बीच विधि-विधान पूर्वक पांच शिलाएं रख कर शिलान्यास किया। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. अशोक द्विवेदी के निर्देशन में दो-दो वैदिक विद्वान पूजन-अनुष्ठान के विधान पूरे कराएं तो इस दौरान 11 वैदिक विद्वानों ने मंत्रोच्चार किया। पीएम ने कारिडोर निर्माण का शिलापट्ट करने के साथ ही भवनों के ध्वस्तीकरण के दौरान मिले देवालयों को भी शीश झुकाया और नमन किया। वहीं कारीडोर से ही मां गंगा को भी उन्होंने नमन किया। इस लिहाज से क्षेत्र में आने वाले देवालयों की मरम्मत, रंगाई -सफाई कर फूलों से शिखर तक सजाए गए थे।
पीएम ने किया संबाेधित : पीएम नरेंद्र मोदी ने कारीडोर उदघाटन के दौरान लोगों को संबोधित भी किया। कहा कि – आप सभी अब रंगभरी एकादशी और होली मनाइए। आज मेरा भी सौभाग्य है कि जिन सपनों को अरसे से संजोया था वह पूरा हो रहा है। राजनीति में नहीं था तब भी यहां आता था। कई बार आया लेकिन नजर आता कि कुछ करना चाहिए। लेकिन पता नहीं शायद भोले बाबा ने तय किया होगा कि बेटे बातें बहुत करते हो आओ यहां करके दिखाओ। आज बाबा के आदेश से सपना साकार होने का शुभारंभ हो रहा है। काशी विश्वनाथ धाम में आज भोले बाबा के मुक्ति का पर्व है। चारों ओर दीवारों से घिरे बाबा को सांस लेने में दिक्कत होती थी। अगल बगल कई मकानों ने घेर रखा था। बाबा के भक्तों को अब विशालता की अनुभूति होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीएम रहा हूं तो सरकारी मुलाजिम कई देखे हैं। सरकार कोई काम दे तो मुलाजिम प्रयास भी करते हैं लेकिन योगी जी ने जो टीम लगाई है वह भक्ति भाव और सेवा भाव से दिनरात काम पूरा करने के लिए लगी है। सबको साथ लेना समझाना, विरोधी और झूठ फैलाने वालों को भी समझाना कठिन काम है। राजनीति का रंग न लगे यह भी अफसरों की टोली ने काम किया है। उनको अनेक अभिनंदन और धन्यवाद। मकानों के मालिकों को सबने तैयार किया। करीब तीन सौ प्रापर्टी को लेकर जिस प्रकार सहयोग दिया वह अनुकरणीय है। अपनी इस जगह को छोडकर बाबा के चरणों में समर्पित कर दी। यह काम लोगों ने किया है उनका भी सांसद के रूप में आभार और अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने इसे अपना काम मानकर पूरा किया। कितने सदियों से यह स्थान दुश्मनों के निशाने पर रहा। कितनी बार ध्वस्त हुआ अस्तित्व विहीन रहा। यह क्रम सदियों से चलता रहा। महात्मा गांधी जब आए तो उनके मन में भी पीडा रही।
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने बीएचयू में भी अपनी पीडा व्यक्त की थी। उनकी बात को अब सौ साल होने जा रहे। अहिल्या देवी ने सदियों के बाद इसके पुनरुद्धार का बीडा उठाया था। तब उसे रूप मिला। अगर आप सोमनाथ जाएंगे तो सोमनाथ में भी बडी भूमिका निभाई थी। लेकिन उसको भी ढाई सौ साल बीत गए। मैं हैरान हूं जब इतनी सारी इमारतों को तोडना शुरू किया तो चालीस मंदिरों पर लोगों ने कब्जा कर रखा था। भोले बाबा ने चेतना जगाई। चालीस के करीब ऐसे ऐतिहासिक पुरातात्विक मंदिर मिले जो अजूबा लगेगा कि यह काम कैसे हो गया। लोग दबाते गए आज उन मंदिरों के मुक्ति का भी नंबर आ गया। दशकों बाद इस बार शानदार शिवरात्रि मनाई गई। आप सोशल मीडिया में देखिए परिसर की तस्वीरें। एक सपना था उसका आज मॉडल और फिल्म देख रहे हैं। बाबा का सीधा गंगा से संपर्क हो गया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह काशी विश्वनाथ महादेव भोले बाबा का स्थान है। काशी आने का मूल कारण यहां आने का उददेश्य है। मंदिरों की रक्षा कैसे हो उसकी आत्मा को बरकरार रखते हुए आधुनिक व्यवस्था हो इसका बहुत अच्छा मिलन दिख रहा है। यह धाम मां गंगा से भी जोडेगा। इससे काशी को नई पहचान मिलेगी। ढाई सौ साल बाद मेरे ही हाथ लिखा था शिलान्यास। मैं आया नहीं मुझे बुलाया है। मुझे बुलावा ऐसे ही कामों के लिए था। मेरा संकल्प मजबूत हुआ है। यह काशी नहीं देश से जुडा है। बीएचयू से आग्रह है कि केस स्टडी करना चाहिए। काशी हिंदू यूनिवर्सिटी इस पर रिसर्च भी करे। ताकि दुनिया को पता चले कैसे लोगों के सहयोग से यह काम हुआ। शास्त्रों के मुताबिक कामों का पूरा पालन किया गया। ताकि आस्था पर खरोच न आए। यह नव चेतना का केंद्र बनेगा। सामाजिक चेतना का यह केंद्र बनेगा। मुझे राज्य सरकार का सहयोग मिला होता तो हम उद्घाटन कर रहे होते। उन सुविधाओं को सरकार की वजह से पूरा करने का अवसर मिला है। हम लोगों को चालीस मंदिर मिले उनको भी उसी प्रकार संभालेंगे। उसकी भी चीजें पुरातत्व के महत्व को बीएचयू भी संभाले। काशी का महत्व बढेगा। बाबा के चरणों में सिर झुकाकर नमन करता हूं।
सुबह ही पहुंचे पीएम : सुबह साढे आठ बजे पीएम नरेंद्र मोदी लाल बहादुर स्थित शास्त्री बाबतपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंच गए। यहां से उनका काफिला काशी विश्वनाथ दरबार पहुंचा। जहां उनहोंने विधि विधान से पूजा अर्चना की। ईंट व शिलापट्ट पर लिखे ‘विश्वनाथ धाम’ से तय हो गया कि श्रीकाशी विश्वनाथ के कारिडोर का नाम विश्वनाथ धाम होगा। भूमि पूजन व आधारशिला की तैयारियां गुरुवार शाम तक पूरी कर ली गईं। मंदिर से गंगा की ओर से लगभग 30 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र का समतलीकरण, रंग रोगन, सफाई, फूलों से सज्जा, लाइटिंग आदि से हुई जगमग के कारण पीएम के हाथों शिलान्यास से एक दिन पहले कारिडोर क्षेत्र निखर कर सामने आ गया। इसके आकार प्रकार समेत संपूर्ण स्वरूप का लघु थ्रीडी फिल्म के जरिए एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शन भी किया गया। इसके लिए भू-पूजन स्थल पर बड़ी स्क्रीन लगाई गई। साथ ही दीवारों पर भी डिजाइन को सजाया गया।