एक हमला जिसमें हिंदुस्तान ने अपने 37 वीर जवान खो दिए। 37 परिवार…कहीं किसी मां की कोख सूनी हो गई, कहीं किसी के माथे का सिंदूर उजड़ गया, किसी ने अपना पिता खो दिया…आतंकियों ने ऐसी खूनी कहानी लिखी कि पूरा देश बदले की मांग कर रहा है। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए बड़े आतंकी हमले में उत्तराखंड ने भी अपना लाल खोया है। ऊधमसिंहनगर के रहने वाले वीरेंद्र सिंह इस हमले में शहीद हो गए हैं। हमले को लेकर देशभर के लोगों में गुस्सा है। आतंकी हमले में जवानों के शरीर के चिथड़े उड़ गए, देशवासी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। इस हमले में शहीद हुए वीरेंद्र सिंह खटीमा के मोहम्मदपुर भूरिया गांव के रहने वाले थे। वीरेंद्र सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। वीरेंद्र सिंह के शहीद होने की खबर मिलने के बाद से गांव में मातम पसरा है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन सरकार से शहीदों की मौत का बदला लेने की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था। उरी में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षाबलों पर ये अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। हमले में देश ने अपने 42 जवानों को खो दिया। इन जवानों में उत्तराखंड के रहने वाले वीरेंद्र सिंह भी शामिल हैं, जिनकी हमले में मौत हो गई। वीरेंद्र सिंह के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके घर में कोहराम मच गया। परिजन रो-रोकर बेसुध हो गए। हमले में घायल कई जवानों का अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। आतंकी हमले को लेकर देशभर में आक्रोश है। देशवासी और शहीदों के परिजन आतंकियों के खिलाफ दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक की मांग कर रहे हैं।