बता दें कि स्वाइन फ्लू से पीड़ित तीन मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है. सभी अस्पतालों में मरीजों के उपचार के लिए दवा उपलब्ध है. वहीं प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिये आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. जिसमें फिलहाल किसी मरीज को एडमिट नहीं किया गया है.
स्वाइन फ्लू के कारण महंत इंद्रेश अस्पताल में अब तक 6 मरीजों की मौत हो चुकी है. एक ही अस्पताल में 6 मौत होने से स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. वहीं राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. स्वाइन फ्लू के बढ़ते कहर को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशालय में आपात बैठक बुलाई गई. इस बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशालय ने निर्देश दिए कि मरीजों की मौत के वास्तविक कारणों की समीक्षा की जाए.