श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में अब स्नातक स्तर पर पास होने के लिए 40 फीसदी अंक जरूरी होंगे। अब तक 33 फीसदी अंक पर पास कर दिया जाता था। साथ ही स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर पर उत्तीर्ण होने के लिए 40 की जगह 45 फीसदी अंक लाने जरूरी होंगे। विवि ने शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए यह कदम उठाया है। यह व्यवस्था इसी सत्र से श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध राज्य के 165 कॉलेजों में लागू होगी। श्रीदेव सुमन विवि के नियमित यूजी पाठ्यक्रम-बीए, बीएससी और बीकॉम में छात्र-छात्राओं को पास होने के लिए 33 फीसदी अंक लाने होते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है। जबकि, पीजी पाठ्यक्रमों जैसे एमए, एमएससी और एमकॉम में अभी तक परीक्षा पास करने को 40 फीसदी अंक लाने होते थे। लेकिन, नए सत्र में इसे बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है। शुक्रवार को विवि की परीक्षा कमेटी की बैठक में यह निर्णय ले लिया गया। कुलपति डॉ. यूएस रावत ने बताया कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके लिए 48 फीसदी अंक पहले से ही जरूरी हैं। श्रीदेव सुमन विवि की परीक्षा परिषद ने सेमेस्टर परीक्षाओं के समय को लेकर भी बदलाव किया है। सेमेस्टर परीक्षा पहले तीन घंटे की होती थी, जिसे घटाकर अब ढाई घंटे कर दिया गया है।
199 दिन होगी पढ़ाई
शैक्षणिक कैलेंडर में 199 दिन शिक्षण कार्य के लिए तय किए गए हैं। साल में कुल 237 दिन विवि में काम होगा। लीप ईयर होने से इस बार सत्र में कुल 366 दिन हैं, जिसमें विवि में 129 दिन अवकाश रहेगा। सभी कॉलेजों को विषम सेमेस्टर की पढ़ाई 14 नवंबर तक पूरी करानी होगी। जबकि, सम सेमेस्टर की पढ़ाई अगले साल पांच मई तक पूरी करानी होगी।
विवि के पुराने छात्र नहीं आएंगे दायरे में
परीक्षा परिषद का यह निर्णय इस सत्र से लागू हो रहा है। इसलिए इस साल किसी भी विषय के प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्र ही इस दायरे में आएंगे। जबकि पुराने छात्रों के लिए न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता स्नातक स्तर पर 33 फीसदी और स्नातकोत्तर स्तर पर 40 फीसदी ही रहेगी।
गुणात्मक शिक्षा के लिए पासिंग मार्क्स में बदलाव किया गया है। सेमेस्टर की परीक्षाएं 100 के बजाए 80 नंबर की हो रही हैं, इसलिए इसका समय आधा
घंटा कम कर दिया गया है।
डॉ. यूएस रावत, कुलपति